नई दिल्ली। पिछले कुछ महीनों में लगातार महंगाई (Inflation) में गिरावट को देखते हुए आने वाले महीनों में कर्ज पर ब्याज दरों में कमी हो सकती है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस कारोबारी साल 2023-24 की चौथी तिमाही तक रिजर्व बैंक नीतिगत दरों यानी रेपो रेट (Repo Rate) में कमी कर सकता है। उसके बाद बैंकों की तरफ से भी ब्याज घटाने की कवायद हो सकती है।
आर्थिक मामलों का पूर्वानुमान लगाने वाली वैश्विक कंपनी ऑक्सफोर्ड इकनॉमिक्स ने यह अनुमान लगाया है। उसके मुताबिक कई ऐसे कारक हैं जिनके चलते केंद्रीय बैंक अपने रुख को अधिक उदार कर सकता है।
ऑक्सफोर्ड इकनॉमिक्स ने कहा कि महंगाई पहले ही नरम हो रही है और उपभोक्ता महंगाई को लेकर अनुमान भी लगातार नीचे आ रहा है। ऐसे में अब ये अंदाजा लग रहा है कि 2023 की चौथी तिमाही में रिजर्व बैंक की ओर से पहली ब्याज दर कटौती हो सकती है।
ऑक्सफोर्ड इकनॉमिक्स ने ये भी कहा है कि मिश्रित कारकों की वजह से रिजर्व बैंक अपने रुख में बदलाव ला सकता है और नीतिगत मोर्चे पर उदार हो सकता है। उसने कहा कि मौद्रिक नीति समिति सबसे पहले यह देखेगी कि मुद्रास्फीति उसके लक्ष्य के मध्य में स्थिर हो रही है। उसके बाद वह अपने रुख में बदलाव लाएगी।
ऑक्सफोर्ड इकनॉमिक्स के मुताबिक पीएमआई यानी परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स आंकड़े, जीएसटी संग्रह जैसे आर्थिक संकेतक यह दर्शाते हैं कि भारत में गतिविधियां अभी मजबूत हैं।