0 पूर्व गृहमंत्री और रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा पत्र
रायपुर। प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री व रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए पत्र लिखा है। इसमें कंवर ने लिखा है कि बिना केंद्र सरकार की अनुमति रिटायर्ड आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों को दी गई संविदा नियुक्त तत्काल रद्द की जाए। उनका कहना है कि केन्दीय पद के लिए इस नियुक्ति के पूर्व अनुमति तो दूर, केंद्र सरकार को इसकी सूचना तक नहीं दी गई है। उन्होंने गंभीर आरोप लगा सरकार घेरने का प्रयास करते हुए कहा कि इस तरह संविदा पद पर एक्सटेंशन देकर इन अफसरों को वर्ष 2023 में विधानसभा और 2024 मे लोकसभा चुनाव में राजनीतिक उपयोग करना चाहती है।
रामपुर विधायक ने राष्ट्रपति, राज्यपाल, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री, मख्य चुनाव आयुक्त नई दिल्ली, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रायपुर को पत्र लिखकर मांग की है कि वर्ष 2023 में चुनाव होना है और कांग्रेस की सरकार ने नियम विरुध तरीके से आईएएस, आईपीएस और आईएफएस जैसे महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी रिटायर्ड अधिकारियों को संविदा नियुक्ति कर प्रदान की है। सरकार ने एक्सटेंशन किया गया है जिसकी नीयत ठीक नहीं लगती। एक्सटेंशन की अवधि 2 वर्ष से अधिक करने का अधिकार राज्य सरकार को भी नहीं है और न ही इसका प्रावधान है। केन्दीय पद के लिए संविदा में नियुक्ति के पुर्व केंद्र सरकार को इसकी सूचना तक नहीं दी गई है और ना ही नियुक्ति हेतु अनुमति मांगा गया है फिर भी नियुक्ति कर दी गई है। श्री कंवर ने सवाल किया है कि क्या कांग्रेस सरकार के पास वर्ष 2023 में विधानसभा और 2024 मे लोकसभा चुनाव होना है और इनका राजनीतिक उपयोग करना चाहती है। क्या आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारी की कमी है या इस पद के लिये कोई काबिल अधिकारी नहीं है? यदि कमी होती है तो केंद्र सरकार को मांग पत्र भेजना चाहिए। कांग्रेस की सरकार ने लगातार नियम विरुद्ध तरीके से बड़े-बड़े अधिकारी को नियुक्ति दी है। वर्ष 2023 में विधानसभा और 2024 मे लोकसभा चुनाव होना है और इनका राजनीतिक उपयोग करना चाहती है।
श्री कंवर ने डी.डी.सिंह, ए.के अनंत, राकेश चतुवेर्दी, जे.एस राव वन औषधि पादप बोर्ड, आलोक शुक्ला, विवेक ढांढ, धनंजय देवांगन, एस. एस. बजाज, राय सिंह ठाकुर, निरंजन दास, एसपीएस श्रीवास्तव, डी. एम. अवस्थी,अशोक जुनेजा, संजय पिल्ले, अमृत खलखो, संजय शुक्ला जैसे रिटायर्ड अधिकारियों के नाम उल्लिखित कर संविदा नियुक्ति निरस्त करने की कार्यवाही की मांग की है।