0 अप्रैल 2016 को हुए हादसे के लिए दोषी करार ऑटो रिक्शा चालक को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जांजगीर-चांपा ने सुनाई सजा
जांजगीर-चांपा। सड़क सुरक्षा के नियमों को दरकिनार कर ड्राइविंग कर रहे एक ऑटोचालक की बेतहाशा रफ्तार ने जानलेवा हादसे में उसके अपने ही ऑटोरिक्शा में बैठे सवारी की जान ले ली। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बेकाबू ऑटोरिक्शा की रफ्तार इतनी ज्यादा थी, कि घटना के बाद वाहन सड़क पर तीन बार पलटी खा गई। पुलिस द्वारा पेश किए गए सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने दोषी ऑटो चालक को अलग अलग तीन धाराओं के तहत कुल एक साल 9 महीने का कारावास और कुल 2500 रूपए के अर्थदंड से दंडित किया है। दंड की राशि नहीं अदा कर पाने पर उसे दो माह की अतिरिक्त कैद भी भुगतनी होगी।
यह मामला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जिला जांजगीर-चांपा विजय अग्रवाल की अदालत का है। न्यायाधीश ने एक महत्वपूर्ण केस की सुनवाई करते हुए दोषी को सजा सुनाई है। अपराध की गंभीरता एवं प्रकरण के समस्त तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त दुर्गेश श्रीवास को धारा 337 भारतीय दंड संहिता के अपराध में 3 माह की साधारण कारावास एवं 500 रूपये का अर्थदण्ड, धारा 338 भारतीय दंड संहिता के अपराध में 6 माह की साधारण कारावास एवं 500 रूपये के अर्थदण्ड, धारा 304- क के अपराध में 1 वर्ष के साधारण कारावास एवं 1000 रूपये एवं धारा 3 / 181 मोटरयान अधिनियम के अपराध में 500 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। इस प्रकार अभियुक्त को कुल 2500 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। अभियुक्त द्वारा अर्थदण्ड की राशि अदायगी में व्यतिक्रम किए जाने पर क्रमशः 15 दिवस 15 दिवस 01 माह एवं 15 दिवस का कारावास पृथक से भुगतना होगा। आरोपी को दी गई सभी कारावास की सजाएं साथ-साथ चलेंगी। आरोपी का जेल वारंट तैयार कर उसे सजा भुगताए जाने हेतु जिला जेल जांजगीर भेजने के आदेश जारी किए गए हैं।
25 सितंबर को दिए गए इस निर्णय में केस के शिकायतकर्ता के रूप में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा थाना जांजगीर और प्रतिनिधित्वकर्ता की भूमिका नंदकुमार पटेल (डी.पी.ओ.) ने निभाई। मामले के दोषी पाए गए शिवनगर चांपा निवार दुर्गेश श्रीवास (45) पिता स्व.केदारनाथ श्रीवास की ओर से अधिवक्ता के. एन. कश्यप ने पैरवी की थी। यह मामला 22 अप्रैल 2016 को हुई दुर्घटना पर आधारित है। इस तिथि को चालक और आरोपी रहे दुर्गेश श्रीवास ने दोपहर सवा 3 बजे शहर से लगे नहर पुल के पास मेन रोड थाना जांजगीर अंतर्गत सोल्ड ऑटो को लोकमार्ग पर उतावलेपन एवं उपेक्षापूर्वक चलाकर मानव को जीवन संकट मे डाला। इस घटना मे मोटर सायकल चालक परमानंद कश्यप और योगेश राठौर को भी गंभीर चोट लगी थी। बड़ी क्षति आटो में सवार बसंत धीवर को हुई, जिसने अपनी जान गंवा दी। भले ही यह घटना आपराधिक मानव वध की श्रेणी में नहीं आता है पर इस आटो वाहन को बिना वैध चालन अनुज्ञप्ति (ड्राइविंग लाईसेंस) के चलाया जाना पाया गया। इस तिथि को प्रार्थी परमानंद अपने दोस्त योगेश कुमार राठौर के साथ अपने पड़ोसी धनेश्वर कश्यप की बारात ग्राम नैला गया था। वे लोग बारात से अपनी बाइक पर वापस जा रहे थे। तभी एस.डी. पैलेस के पास चांपा की ओर से आटो का चालक दुर्गेश श्रीवास आटो को तेज रफ्तार एवं लापरवाही से चलाते आकर उनकी बाइक को ठोकर मार दी। दुर्घटना से परमानंद के माथे, छाती, नाक, होठ एवं योगेश के ठुड्डी, बांये कलाई, छाती, दाये हाथ के पंजा पर चोट लगी थी। आटो में बैठे बसंत धीवर की मौके पर मृत्यु हो गई थी। घटना के संबंध में प्रार्थी की रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध किया गया। गवाहों के बयान उनके बताए अनुसार दर्ज किए गए। घटना स्थल का नजरी नक्शा तैयार किया गया। आहत का मुलाहिजा एवं मृतक का शव परीक्षण कराया गया। दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को जप्त किया गया। अपराध सबूत पाए जाने पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। प्रकरण के महत्वपूर्ण प्रत्यक्षदर्शी साक्षी परमानंद कश्यप के कथनों का खण्डन प्रतिपरीक्षण में नहीं हुआ है और उसने यह बताया है कि घटना में आरोपी अपने वाहन आटो को लापरवाहीपूर्वक कट मारते हुए उनकी मोटर सायकल को ठोकर मार दिया था। जिससे उसे एवं योगेश को चोटे आयी थी तथा आगे जाकर आटो पलट गयी थी जिससे आटो में बैठे मृतक बसंत की चोट लगने से मृत्यु हो गई थी।