बेटे की शादी कराने का झांसा देकर 17.5 लाख रुपए की धोखाधड़ी

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दुर्ग– एक व्यवसायी के बेटे की शादी कराने का झांसा देकर 17.5 लाख रुपए की धोखाधड़ी हुई है। युवक के परिवार की प्राथमिकता स्वजातीय कन्या ही थी। इसका फायदा उठाकर सात लोगों ने ठगी का जाल फैलाया। इनमें एक महिला ने विवाह एजेंट, दूसरी समाज की अविवाहित कन्या और शेष ने पिता, भाई एवं अन्य रिश्तेदार का किरदार निभाया।

शादी के बाद दूल्हे ने कथित पत्नी पूर्वी का आधार कार्ड मांगा तो बहाने बनाने लगी। शक हुआ तो धोखाधड़ी से पर्दा उठ गया। पीड़ित की शिकायत पर कोतवाली थाना पुलिस ने कथित पत्नी समेत सातों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।

थाना प्रभारी विजय यादव ने बताया कथित दुल्हन पूर्वा भारती जैन का असल नाम भारती नरगावेप, विवाह एजेंट सरला का असल नाम सरला जाधव उर्फ हर्षा, पूर्वा के भाई संतोष का असली नाम संतोष शर्मा, महावीर गांधी का असली नाम शिवराज जाधव पाया गया।

शनिचरी बाजार निवासी 43 वर्षीय दिनेश जैन (परिवर्तित नाम) ने शिकायत में कहा है कि पिता के व्यवसाय संभालने, 5 बहनों की शादी की जिम्मेदारी निभाने के कारण विवाह में देरी हो गई। उनके परिवार को स्वजातीय जैन लड़की की तलाश थी। उनके पिता ने सूरत में परिचित महावीर जैन से इस बारे में चर्चा की। महावीर ने इंदौर की विवाह एजेंट सरला के बारे में बताया। इस पर सरला ने इंदौर की युवती पूर्वा भारती जैन का बायोडाटा भेजा।

दिनेश के पिता, बहन और छोटा भाई बात आगे बढ़ाने के लिए पूर्वा को देखने इंदौर गए। तब घर में युवक था, जिसे पूर्वा का छोटा भाई बताया गया। बाद में रिश्ता तय करने की एवज में सरला ने 1.5 लाख रुपए मांगे। तब दिनेश के परिवार ने तत्काल 11 हजार रुपए मुंह दिखाई भी दे दी। 9 अप्रैल को लड़की के पिता के रूप में शांतिलाल गांधी और बड़े भाई महावीर का परिचय कराया गया।

विवाह का पूरा खर्च लगभग 16 लाख रुपए लड़के वालों से ही उठाने की शर्त पर शादी तय हुई। रिश्ता तय होने के बाद एजेंट सरला ने दिनेश के परिवार से 16 लाख रुपए की मांग शुरू कर दी। इस पर 5.5 लाख रुपए दिए। बाकी रकम शादी के समय देने की बात कही।

पूर्वा भारती और उसके परिवार के अन्य सदस्य 23 अप्रैल को दुर्ग में दिनेश के घर पहुंच गए। सगाई हो गई और कथित वधु पक्ष ने 3 लाख रुपए और ले लिए। 3 मई को शादी इंदौर के एक होटल में हुई। इसका खर्च भी दिनेश के परिवार से ले लिया। 8.9 लाख रुपए की शेष रकम भी मौके पर ही ले ली गई। इस तरह कुल 17.5 लाख रुपए वसूल लिए गए।