नई दिल्ली/बालासोर। Balasore Train Accident: ओडिशा के बालासोर के बाहानगा बाजार स्टेशन में कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना में अब तक 261 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं हजारों यात्री घायल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री ने आज दुर्घटना स्थल का मुआयना किया और अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात की।
जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, दुर्घटना की जांच के आदेश दिए जा चुके हैं। जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। इस सबके बीच रेलवे के सुरक्षा कवच को लेकर अनेक सवाल उठ रहे हैं जिसमें दावा किया गया था कि कवच के स्टाल होने के बाद ट्रेन दुर्घटनाओं को पूरी तरह से रोका जा सकेगा।
0. क्या है ये ‘कवच’
यह ‘कवच’ ट्रेन की सुरक्षा की दृष्टिकोण से तैयार किया गया एक ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम (Automatic Train Protection System) है, इसे भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (RDSO) ने तैयार किया है।
इस ट्रेन कवच सिस्टम पर साल 2012 से ही काम किया जा रहा था। इस प्रोजेक्ट का नाम Train Collision Avoidance System रखा गया था। इसका पहला ट्रायल साल 2016 में किया गया था। वहीं, साल 2022 में इसका एक डेमो भी देखने को मिला था।
0.जानें कैसे काम करता है ये कवच
जिसे हम कवच कहते हैं, यह एक प्रकार का ऑटोमेटिक सिस्टम (Automatic System) है, जो कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस (Electronic Devices) का एक सेट है। यह सिस्टम रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (Radio Frequency Identification) पर काम करता है। इस डिवाइसेस को ट्रेन, ट्रैक, रेलवे सिग्नल सिस्टम के अलावा हर स्टेशन पर एक किलोमीटर की दूरी पर लगाया जाता है।
ये सिस्टम दूसरे कंपोनेंट्स से अल्ट्रा हाई रेडियो फ्रीक्वेंसी के माध्यम से उससे कम्यूनिकेट करता है। इस सिस्टम के लगने के बाद जैसे ही कोई लोको पायलट किसी सिग्नल को जंप करता है, यह डिवाइस एक्टिव हो जाता है। फिर यह ऑटोमैटिक सिस्टम लोको पायलट को अलर्ट कर देता है और ट्रेन के ब्रेक का कंट्रोल अपने पास ले लेता है।
इस बीच जैसे ही सिस्टम को पता चलता है कि इसी ट्रैक पर दूसरी ट्रेन भी आ रही है, तो ये सिस्टम ट्रेन के मूवमेंट को रोक देता है। सिस्टम लगातार ट्रेन की मूवमेंट को मॉनिटर करता है और इसके सिग्नल भी भेजता रहता है।
0.तो कवच के बाद भी कैसे हुआ हादसा
बता दें कि इस ट्रेन सुरक्षा कवच को अभी सभी रूटों पर नहीं लगाया गया है। इसका विस्तार धीरे-धीरे सभी रूटों पर किया जा रहा है। दरअसल, जिस रूट पर ये हादसा हुआ है, उसमें अभी इस सिस्टम को नहीं लगाया गया है, इसके कारण से यह हादसा हो गया है। हालांकि जांच में ये बिन्दू भी शामिल है कि बालासोर हादसा की वजह तकनीकी खामियां हैं या फिर मानवीय चूक, जिसकी वजह से सैकड़ो लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।