मालवाहक में सवारी, कैसे ? यातायात पुलिस से शहर का सवाल

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भाटापारा- 2 माह में 2 बार जांच। 163 प्रकरण। कुुल जमा अर्थदंड- 29 हजार 220 रुपए। यातायात पुलिस से सवाल- सवारी बिठाकर ले जाने वाली मालवाहकों पर कब कार्रवाई होगी ? शहर यह भी जानना चाहता है कि जांच में इन्हें रियायत क्यों दी जा रही है ?

सघन ही नहीं, नियमित जांच की जरूरत है, खासकर रेलवे स्टेशन से बस स्टैंड चौक। रेस्ट हाउस के करीब का क्षेत्र। सामुदायिक अस्पताल, महारानी चौक और फिल्टर प्लांट तिराहा। ताजा माहौल में मंडी क्षेत्र में सर्वाधिक जरूरत जांच और कार्रवाई की है ताकि यातायात बाधारहित हो लेकिन इन सभी क्षेत्र से विभाग की दूरी कई सवाल खड़े कर रही है।

विशेष रियायत

मालवाहक में सवारी का बिठाया जाना। शहर में विशेष छूट मिलती है, वाहन चालक और मालिकों को। यह तब भी जारी है, जब तीन दिवस पूर्व ऐसी ही गतिविधियों में कवर्धा में 19 जान जा चुकी है। इसके बावजूद शहर और यातायात पुलिस ने सबक नहीं लिया है। बड़ा सवाल- कब करेंगे ऐसी हरकतों पर कार्रवाई ?

इस पर मौन

सक्रियता केवल बस स्टैंड चौक पर। पक्ष में तर्क- शहर प्रवेश और निर्गम यहीं से इसलिए। रेलवे स्टेशन, गोविंद चौक, हटरी बाजार, जय स्तंभ चौक, सिविल हॉस्पिटल तिराहा और आगे के दो और तिराहे। नजर नहीं आते जवान। रबी फसल की खूब आवक हो रही है, ऐसे में भारी वाहनों का घंटो जमाव। यहां भी उपस्थिति नजर नहीं आती।


निभाई औपचारिकता

23 मई को हुई जांच की रिपोर्ट देखने पर पता चलता है कि एक ही ढर्रे पर जांच की जा रही है। हेडलाइट का आधा हिस्सा काला नहीं होने के 15 प्रकरण बने- वसूले गए 4500 रुपए। 11 मामले और 3300 रुपए के अर्थ दंड के साथ दो पहिया में तीन सवारी के साथ वाहन चालन के भी बने। नो पार्किंग में पार्किंग के दो मामले में 600 रुपए, बगैर लाइसेंस के पांच प्रकरण में 1300 रुपए, बगैर दस्तावेज के चार प्रकरण में 1200 रुपए और बगैर नंबर वाहन चालन पर एक प्रकरण में 300 रुपए अर्थ दंड लिया। आदेश और नियमों की अवहेलना के आठ मामले में क्रमशः 2000 और 1200 रुपए का अर्थदंड लगाया गया।