Friday, March 29, 2024
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Coronation of Emperor Charles: कहीं छिड़का जाता है पवित्र जल, तो कहीं पहनी जाती हैं शेर की खाल, इन देशों में ताजपोशी के ऐसे अजब रिवाज

नई दिल्ली/लंदन। Coronation of Emperor Charles: ऐतिहासिक परंपराओं के साथ शनिवार को सम्राट चार्ल्स की ताजपोशी हो गई। लगभग 2000 लोग इस शाही समारोह में शामिल हुए और राज्याभिषेक के गवाह बने। इतनी ही नहीं ताजपोशी के दौरान लोगों ने ब्रिटेन के रीति-रीवाजों को भी देखा। लेकिन क्या आपको पता है दुनिया कई और देशों भी में ताजपोशी के रीति रिवाजों काफी अनोखे हैं।

Coronation of Emperor Charles: चलिए अब आपको दुनिया में उन कुछ बचे-खुचे राजपरिवारों में ताजपोशी के रीति रिवाजों के बारे में बताते हैं, जिनके जरिए लोग अपने महाराज या महारानी के राज्याभिषेक का जश्न मनाते हैं। इन रिवाजों में बछड़े की खाल से बना मुकुट पहनाने से लेकर एक ऐसा पवित्र तख्त भी शामिल है, जिस पर कभी बैठा नहीं जा सकता।

Coronation of Emperor Charles: थाईलैंड में राजा को दिया जाता है अभिमंत्रित जल

जिस तरह ब्रिटेन में किंग के राज्याभिषेक के दौरान पवित्र जल की छिड़का जाता है, उसी तरह थाईलैंड में भी शाही परिवार की ताजपोशी के समारोह में एक ऐसी ही प्रक्रिया अपनाई जाती है। इस दौरान नए राजा को ‘शुद्ध’ करने और अभिषेक के लिए उनके ऊपर पवित्र जल उड़ेला जाता है।

महाराजा के अभिषेक के लिए ये जल पूरे थाईलैंड के 100 से ज्यादा जलस्रोतों से जमा किया जाते हैं, वो भी स्थानीय समय के मुताबिक़, सुबह 11.52 से लेकर दोपहर 12.38 के बीच। फिर इस जल को बौद्ध परंपराओं के मुताबिक़ अभिमंत्रित किया जाता है।

Coronation of Emperor Charles: असांते रियासत का पवित्र तख्त

यूके में राज्याभिषेक समारोह के दौरान सम्राट या महारानी ज्यादातर समय ताजपोशी वाली कुर्सी पर बैठे रहते हैं। यह कुर्सी 700 साल पुरानी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पश्चिमी अफ्रीका की असांते रियासत में भी ऐसी परंपरा है। यहां एक चौकी असांते संस्कृति की सबसे पवित्र चीज है। इसे सिका ड्वा कोफी भी कहा जाता है।

असांते के लोग मानते हैं कि इस चौकी में असांते कबीले के लोगों की ‘आत्मा’ बसती है।इस चौकी को इतना पवित्र माना जाता है कि इस पर कोई भी नहीं बैठ सकता, यहां तक कि राजा भी नहीं। इसलिए, असांतेहीनी के राज्याभिषेक के वक्त उन्हें इस पवित्र चौकी पर बिठाने के बजाय उठाकर इसके ऊपर झुकाया जाता है।

Coronation of Emperor Charles: शेर की खाल का लिबास पहनते हैं ज़ुलू के राजा

दक्षिण अफ्रीका की आठ कबीलाई रियासतों के शाही शासकों में से ज़ुलू के राजा सबसे ताकतवर और प्रभावशाली होते हैं। वह अपनी ताजपोशी के समय एक खास लिबास पहनते हैं। पारंपरिक ज़ुलू समारोह के दौरान महाराजा जानवरों के एक पवित्र बाड़े में जाते हैं, ताकि वह अपने पुरखों से समर्थन की गुहार लगा सकें। उस समय महाराजा शेर की खाल से बना लबादा पहने रहते हैं, जिसका शिकार उनके पुरखों ने किया होता है।

Coronation of Emperor Charles: बछड़े के चमड़े से बना ताज पहने हैं लेसोथो के राजा

अफ्रीकी देश लेसोथो में ताजपोशी के समय नए राजा के सिर पर बछड़े के चमड़े से बनी पट्टी और एक पंख लगाया जाता है। इसके अलावा लेसोथो के राजा अपने राजतिलक के वक्त जानवरों के पारंपरिक चमड़े को ओढ़ते हैं और वो नीले रंग का एक कुर्ता भी पहनते हैं, जिस पर एक मगरमच्छ की सुनहरी कढ़ाई होती है।

Coronation of Emperor Charles: पर्दे में रहते हैं जापान के सम्राट

जापान के सम्राट की ताजपोशी के वक्त एक पवेलियन पर लगे बैंगनी रंग के पर्दे उठाए जाते हैं, जिससे सिंहासन के सामने खड़े सम्राट के दीदार हो सकें। इस दौरान सम्राट के बगल में एक प्राचीन तलवार और रत्न रखे जाते हैं।

मुंह-दिखाई के बाद, जापान के सम्राट एक औपचारिक शाही ऐलान करते हैं। उस वक़्त वो पीले और नारंगी रंग का एक ऐसा शाही लबादा पहने रहते हैं, जो सम्राट कुछ ख़ास मौकों पर ही पहना करते हैं।

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