नई दिल्ली। Criminal Law Bill: लोकसभा में अंग्रेजों के जमाने के भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में बदलाव करते हुए तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल पास हो गए हैं। अब इसे राज्यसभा में रखा जाएगा। वहां से पास होने के बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।
Criminal Law Bill: नए क्रिमिनल लॉ बिल को पेश करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- अंग्रेजों के समय का राजद्रोह कानून खत्म किया गया है। नाबालिग से रेप और मॉब लिंचिंग जैसे क्राइम में फांसी की सजा दी जाएगी।
सशस्त्र विद्रोह और देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर जेल
Criminal Law Bill: बिल पेश करते हुए लोकसभा में अमित शाह ने कहा कि अंग्रेजों का बनाया राजद्रोह कानून, जिसके चलते तिलक, गांधी, पटेल समेत देश के कई सेनानी कई बार 6-6 साल जेल में रहे। वह कानून अब तक चलता रहा।
Criminal Law Bill: लोकसभा में चर्चा में गृहमंत्री ने सदन को बताया कि मैंने राजद्रोह की जगह उसे देशद्रोह कर दिया है। क्योंकि अब देश आजाद हो चुका है, लोकतांत्रिक देश में सरकार की आलोचना कोई भी कर सकता है। अगर कोई देश की सुरक्षा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
Criminal Law Bill: अगर कोई सशस्त्र विरोध करता है, बम धमाके करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी, उसे आजाद रहने का हक नहीं, उसे जेल जाना ही पड़ेगा। कुछ लोग इसे अपनी समझ के कपड़े पहनाने की कोशिश करेंगे, लेकिन मैंने जो कहा उसे अच्छी तरह समझ लीजिए। देश का विरोध करने वाले को जेल जाना होगा।
बच्ची से रेप के दोषी को फांसी की सजा
Criminal Law Bill: पहले रेप की धारा 375, 376 थी, अब जहां से अपराधों की बात शुरू होती है, उसमें धारा 63, 69 में रेप को रखा गया है। गैंगरेप को भी आगे रखा गया है। बच्चों के खिलाफ अपराध को भी आगे लाया गया है। मर्डर 302 था, अब 101 हुआ है। 18 साल से कम उम्र की बच्ची से रेप में आजीवन कारावास और मौत की सजा का प्रावधान है। गैंगरेप के दोषी को 20 साल तक की सजा या जिंदा रहने तक जेल।
गैर इरादतन हत्या को कैटेगिरी में बांटा
Criminal Law Bill: प्रस्तावित कानून में गैर इरादतन हत्या को दो हिस्सों में बांटा गया है। अगर गाड़ी चलाते वक्त हादसा होता है, फिर आरोपी अगर घायल को पुलिस स्टेशन या अस्पताल ले जाता है तो उसे कम सजा दी जाएगी। हिट एंड रन केस में 10 साल की सजा मिलेगी।
Criminal Law Bill: मॉब लिंचिंग में फांसी की सजा होगी। स्नैचिंग के लिए कानून नहीं था, अब कानून बन गया है। किसी के सिर पर लाठी मारने वाले को सजा तो मिलेगी, इससे ब्रेन डेड की स्थिति में आरोपी को 10 साल की सजा मिलेगी।
Criminal Law Bill: पुलिस की जवाबदेही तय होगी
शाह ने कहा- नए कानून में अब पुलिस की भी जवाबदेही तय होगी। अब कोई गिरफ्तार होगा तो पुलिस उसके परिवार को जानकारी देगी। पहले यह जरूरी नहीं था। किसी भी केस में 90 दिनों में क्या हुआ, इसकी जानकारी पुलिस पीड़ित को देगी।
आरोपी की गैरमौजूदगी में भी ट्रायल होगा
देश में कई केस लटके हुए हैं, बॉम्बे ब्लास्ट जैसे केसों के आरोपी पाकिस्तान जैसे देशों में छिपे हैं। अब उनके यहां आने की जरूरत नहीं है। अगर वे 90 दिनों के भीतर कोर्ट के सामने पेश नहीं होते हैं तो उसकी गैरमौजूदगी में ट्रायल होगा।
आधी सजा काटने पर मिल सकती है रिहाई
Criminal Law Bill: गंभीर मामलों में आधी सजा काटने के बाद रिहाई मिल सकती है। जजमेंट सालों तक नहीं लटकाया जा सकता। मुकदमा समाप्त होने के बाद जज को 43 दिन में फैसला देना होगा। निर्णय देने के 7 दिन के भीतर सजा सुनानी होगी। पहले सालों तक दया याचिकाएं दाखिल की जाती थीं।
दोषी ही कर पाएगा दया की याचिका
Criminal Law Bill: दया की याचिका दोषी ही कर सकता है पहले एनजीओ या कोई संस्थान ऐसी याचिकाएं दाखिल करता था। सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद 30 दिन के भीतर ही दया याचिका दाखिल की जा सकेगी। जो देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा को खतरे में डालकर भय फैलाने का काम करता है, उसे आतंकवादी माना जाएगा।
Criminal Law Bill: 3 विधेयकों से क्या बदलाव होगा
1.कई धाराएं और प्रावधान बदल जाएंगे। IPC में 511 धाराएं हैं, अब 356 बचेंगी। 175 धाराएं बदलेंगी। 8 नई जोड़ी जाएंगी, 22 धाराएं खत्म होंगी।
2.इसी तरह CrPC में 533 धाराएं बचेंगी। 160 धाराएं बदलेंगी, 9 नई जुड़ेंगी, 9 खत्म होंगी। पूछताछ से ट्रायल तक वीडियो कॉन्फ्रेंस से करने का प्रावधान होगा, जो पहले नहीं था।
3.सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब ट्रायल कोर्ट को हर फैसला अधिकतम 3 साल में देना होगा। देश में 5 करोड़ केस पेंडिंग हैं। इनमें से 4.44 करोड़ केस ट्रायल कोर्ट में हैं।