रायपुर। IAS Breaking : पूर्व आईएएस हर्ष मंदर अब सीबीआई जांच के घेरे में हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनके एनजीओ के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की है। विदेशों से फंड लेने के मामले में जांच की सिफारिश की गई है। हर्ष मंदर 1980 बैच के आईएएस रहे हैं।
वे अविभाजित मध्यप्रदेश में रायगढ़ के कलेक्टर और बिलासपुर संभाग के कमिश्नर रह चुके हैं। 2002 में गुजरात दंगों के बाद उन्होंने सिविल सेवा से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वे एनजीओ का संचालन करने लगे। उनके एनजीओ का नाम अमन बिरादरी है। हर्ष मंदर को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का करीबी भी माना जाता है। यूपीए सरकार में वे राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के अध्यक्ष रह चुके हैं। पिछले साल हर्ष मंदर के ठिकानों पर ईडी की रेड पड़ी थी। इसके बाद अब सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है। बता दें कि हर्षमंदर को मोदी सरकार का आलोचक भी माना जाता है।
FCRA के तहत जांच की सिफारिश
हर्ष मंदर के एनजीओ के खिलाफ फॉरेन करेंसी रेगुलेशन एक्ट (FCRA) के तहत जांच की सिफारिश की गई है। बता दें कि विदेशों से फंडिंग लेने वाले एनजीओ को FCRA के तहत पंजीयन कराना अनिवार्य है। अमन बिरादरी का क्लीयरेंस नहीं था, इसके बावजूद फंड लिया गया। सीबीआई की जांच इसी पर आधारित होगी कि किन संस्थाओं के जरिए विदेश से फंड आया। कुछ दिल पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली के टॉप थिंक टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) का FCRA लाइसेंस निलंबित (IAS Breaking) किया गया था। इसके बाद हर्ष मंदर के एनजीओ के खिलाफ जांच की सिफारिश की गई है।