Korba : धरना के चलते गेट जाम, बिना ड्यूटी लौट रहे एसईसीएलकर्मी, इस तरह शासकीय कार्य में बाधा न डालें

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0 एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र के कार्मिक प्रबंधक ने छत्तीसगढ़ किसान सभा, भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ लिखा पत्र, धरना-प्रदर्शन को समाप्त कर क्षेत्र में सौहार्द्रपूर्ण वातावरण बनाए रखने में सहयोग का आग्रह।

कोरबा। अपनी मांगों को लेकर एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र के दफ्तर के बाहर धरना दे रहे किसान सभा व भूविस्थापितों को कार्मिक प्रबंधक ने पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि धरना-प्रदर्शन के कारण कार्यालय का गेट जाम हो गया है। अधिकारी-कर्मचारी भीतर नहीं आ पाने के कारण बिना ड्यूटी पर उपस्थिति हुए वापस लौट जाते हैं। ऐसे में उन्हें बिना कार्य किए ही प्रबंधन को वेतन का भुगतान कर नुकसान उठाना पड़ेगा। पूर्व में भी गेट छोड़कर धरना-प्रदर्शन करने की गुजारिश की गई, पर अब भी समस्या जस की तस है, जिससे शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न हो रहा है। इस पत्र की प्रतिलिपि महाप्रबंधक, क्षेत्रीय सुरक्षा इंचार्ज के अलावा कुसमुंडा के थानेदार को भी भेजी गई है।
छत्तीसगढ़ किसान सभा, भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ कैम्प कुसमुंडा के अध्यक्ष-सचिव के नाम यह पत्र क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक, कुसमुंडा क्षेत्र ने लिखा है। इसमें कहा गया है कि किसान सभा व भूविस्थापित रोजगार एकता संघ द्वारा पूर्व में प्रस्तुत एक पत्र में यह बताया गया था कि धरना-प्रदर्शन से काम पर आने-जाने वाले कोलकर्मियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही। पर इस पत्र के विपरीत ऐसा देखा जा रहा है कि अपनी कार या जीपे से कार्यालय में ड्यूटी आने-जाने वाले अधिकारी-कर्मचारी गेट के समक्ष धरने पर बैठे पुरुष-महिलाओं के कारण भीतर प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं। कई कर्मी बिना ड्यूटी किए ही लौटकर चले जाते हैं और ऐसी स्थिति में उन कर्मियों के वेतन का भुगतान बिना कार्य के प्रबंधन को करना पड़ सकता है। जिससे कम्पनी को आर्थिक क्षति उठानी पड़ सकती है। इस समस्या से अवगत कराते हुए आंदोलन कर रहे संगठन व लोगों से आग्रह किया था कि कार्यालय के मेन गेट से हटकर धरना-प्रदर्शन करें। प्रबंधन के अनुसार अनुरोध के बाद भी अब तक धरना-प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कार्यालय के मेन गेट को जाम कर रखा है। इसके चलते शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। अधिकारियों, कर्मचारियों एवं महिलाओं में भय का वातावरण बना हुआ है जो अनुचित है।

 

हठधर्मिता के कारण बैठक भी बेनतीजा

 

इस पत्र में यह भी लिखा गया है कि भू विस्थापितों के पुराने एवं नए रोजगार के प्रकरण की स्वीकृति के आदेश मुख्यालय बिलासपुर से आते जा रहे हैं। इस पर त्वरित कार्रवाई भी की जा रही है। लेकिन संघ द्वारा अनावश्यक रूप कम्पनी स्तर के मुद्दों को लेकर 25 जुलाई से महाबंद का आहवान किया गया था। जिसके मद्देनजर इस कार्यालय के माध्यम से 23 व 29 जुलाई को गेवरा में बैठक आयोजित की गई थी। इस पर सकारात्मक रूप से विस्तृत चर्चा के दौरान सारे तथ्यों से अवगत कराया गया, पर इसके बाद भी छत्तीसगढ़ किसान सभा, भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ के बैनर तले आंदोलन कर रहे लोगों की हठधर्मिता के कारण वह बैठक भी बेनतीजा रही। एसईसीएल प्रबंधन ने अनुरोध किया है कि धरना-प्रदर्शन को समाप्त कर क्षेत्र में सौहार्द्रपूर्ण वातावरण बनाए रखने में सहयोग करें।