NTPC  भूविस्थापितों ने दिया कलेक्ट्रेट के सामने आमरण अनशन का अल्टीमेटम.. उधर प्रशासन ने समिति गठित कर 10 दिन में मांगी रिपोर्ट

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कोरबा। देश में ऊर्जा के विस्तार के लिए अपनी जमीनें खोकर भी उचित मुआवजा, व्यवस्थापन और रोजगार के अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे एनटीपीसी के भूविस्थापितों ने आज से आमरण अनशन का ऐलान किया है।ंमंगलवार से कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने धरना दिया जाएगा। कोरबा से मुख्यमंत्री निवास तक पैदल मार्च भी किया जाएगा। इधर चारपारा के प्रभावित ग्रामीणों की चेतावनी के बीच जिला प्रशासन ने इन मुद्दों को लेकर एक समिति का गठन किया है, जो दस दिनों के भीतर भूविस्थापितों के प्रकरणों का परीक्षण कर निराकरण का प्रयास करेगी।

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एनटीपीसी द्वारा कोरबा में स्थापित कोरबा सुपर थर्मल पावर स्टेशन (केएसटीपीएस) की स्थापना के लिए शासकीय भूमि के अलावा अनेक ग्रामीणों की निजी जमीनों का भी अधिग्रहण किया गया था। उस दौरान में भोले-भाले माटीपुत्रो को जमीनों के मुआवजे के अतिरिक्त युक्तियुक्त रोजगार व्यवस्थापन और अन्य सुविधाएं भी प्रदान करने का वादा किया गया था। पर भू-अर्जन से प्रभावित ग्रामीणों का आरोप है कि न तो उन्हें पर्याप्त मुआवजा मिला, न उचित व्यवस्थापन और न ही रोजगार का अधिकार दिया गया। अपनी मांगों को लेकर वे लगातार संघर्ष करने विवश रहे, मगर अंचल की बौनी राजनीति न इन्हे संरक्षण दे पायी और न ही सुविधाएं। अपनी ही जमीनों को खोकर वे कभी सरकारी दफ्तरों तो कभी सियासी चौखटों पर एड़ियां रगड़ने विवश रहे। इसके बावजूद कोई रास्ता न मिला, तो अपने अधिकारों को हासिल करने के इरादे से निर्णायक आंदोलन की राह लेते हुए उन्होंने आमरण अनशन का फैसला किया है। इसी कड़ी में भूविस्थापितो ने मंगलवार 30 जनवरी से कलेक्टर कार्यालय के सामने आमरण अनशन शुरू करेंगे। इसके अलावा वे मुख्यमंत्री निवास तक पैदल मार्च भी करेंगे।

एनटीपीसी भू-विस्थापितों के आमरण अनशन के ऐलान के बाद हरकत में आए प्रशासन ने आनन फानन में उनके समस्याओं का निराकरण की बात कहते हुए एक समिति का गठन किया है। कलेक्ट्रेट में एनटीपीसी प्रबंधन और जिला प्रशासन के मध्य बैठक आयोजित की गई थी। अपर कलेक्टर दिनेश नाग ने बताया कि कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देशन में एनटीपीसी कोरबा के भू-विस्थापितों के रोजगार, पुनर्वास, मुआवजा एवं विभिन्न समस्याओं के मुद्दों पर परीक्षण उपरांत निराकरण के लिए समिति का गठन किया गया है। जिसके अध्यक्ष अपर कलेक्टर दिनेश नाग एवं सदस्य अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कटघोरा सुश्री रिचा सिंह, तहसीलदार दर्री श्रीमती जानकी काटले एवं अपर महाप्रबंधक मानव संसाधन प्रमुख एनटीपीसी कोरबा बनाए गए हैं। समिति द्वारा एनटीपीसी जमनीपाली कोरबा के अंतर्गत भू-विस्थापितों के रोजगार, पुनर्वास, मुआवजा के प्रकरणों के संबंध में 10 दिवस में परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण उपरांत समिति द्वारा आवश्यक कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी।

प्रबंधन ने कहा रोजगार बंद है, फिर सीपत एनटीपीसी में कैसे हुई भर्ती

पुराने भूविस्थापित ग्राम चारपारा के आक्रोशित भू-विस्थापित राजन कुमार पटेल, घसियाराम केवट, मथुरा कुमार केवट, रामायण प्रसाद केवट व शुभम केवट सहित अन्य का कहना है कि पूर्व कलेक्टर सहित एनटीपीसी के अधिकारियों ने बार-बार झूठा आश्वसन देकर रोजगार उपलब्ध कराने का वादा किया, किन्तु कोई कार्यवाही अब तक नहीं हुई है, जिसके कारण वे अपने आंदोलन का विस्तार कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन और एनटीपीसी प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि एनटीपीसी में भू-विस्थापित रोजगार बंद हो चुका, कहकर उनके अधिकार का हनन किया जा रहा है। जबकि 2015 में सीपत-बिलासपुर एनटीपीसी के भू-विस्थापितो को कोरबा-एनटीपीसी में भर्ती की गई। इसके अनुसार राज्यपाल के द्वारा भू-विस्थापितों नौकरी देने आदेशित किया है। मांग पूरी नहीं होने से नाराज भू-विस्थापितों ने आमरण अनशन और मुख्यमंत्री निवास तक पैदल मार्च की चेतावनी दी है।