बस्तर की सिसकती बेटी.. 13 वर्ष से विवाह के बाद तक यौन शोषण की त्रासदी.. एक बेटी के DNA टेस्ट के अदालती आदेश सामने आएगा सच

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बिलासपुर। महज 13 साल की छोटी उम्र में बालिका अपनी मां के इलाज के लिए एक डाॅक्टर के पास जाया करती थी। एक दिन मौका देखकर डाॅक्टर ने उसके साथ छेड़छाड़ की। फिर उसका दुस्साहस बढ़ता गया और उसने जबरदस्ती शुरु कर दी। इस तरह लगातार 14 साल डाॅक्टर उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। जब पीड़िता बालिग हुई तो उसकी शादी हो गई। पर जब कभी वह ससुराल से मायके आती, डाॅक्टर उसे ब्लैक मेल कर डराता-धमकाता और मारपीट भी करता। इस तरह एक बार फिर उसके यौन शोषण का सिलसिला शुरु हो गया। अत्याचार सहने की हद पार हो गई, तो पीड़िता ने पुलिस का दरवाजा खटखटाया। मामला हाईकोर्ट पहुंच चुका है और पीड़िता का कहना है कि दो में से एक बेटी उसी डाॅक्टर से है। इस पर अदालत ने डीएनए टेस्ट के आदेश दिए हैं, जिसकी रिपोर्ट से इस बात का फैसला हो सकेगा।

यह मामला बस्तर के सुकमा जिले का है, जहां की रहने वाली पीड़िता ने पुलिस से की गई शिकायत में कहा है कि उसकी मां इलाज कराने के लिए डॉक्टर सुखदेव सिंह गुरया के पास जाया करती थी। तब वह 13 साल की थी। वर्ष 2005 में डॉक्टर ने पहले उसके साथ छेड़छाड़ की, फिर मारपीट और धमकी देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। जब वह 18 वर्ष की हुई तो वर्ष 2010 में उसकी शादी कर दी गई और वह मध्यप्रदेश के होशंगाबाद स्थित अपने ससुराल चली गई। पर इसके बाद भी डाॅक्टर की ज्यादती जारी रही। जब कभी वह ससुराल से मायके आती, डॉ सुखदेव सिंह गुरया उसे ब्लैकमेल और धमकी देकर शारीरिक संबंध बनाता था। पीड़िता का कहना है कि वर्ष 2011 में डॉक्टर से उसकी पहली बेटी का जन्म हुआ और उसके बाद अपने पति से दूसरी बेटी को जन्म दिया। वर्ष 2019 में अपने मायके आई थी, तब आरोपी डॉक्टर ने उसके साथ फिर से जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया। जब उसने इंकार किया तो मारपीट पर उतर आया और इस तरह भयादोहन कर वह मनमानी करता रहा। आखिरकार परेशान होकर पीड़िता ने उसके खिलाफ पुलिस थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई।

भयादोहन व मारपीट कर 14 साल करता रहा मनमानी

पीड़िता का कहना है कि आरोपी डॉक्टर 14 साल से उसका शारीरिक शोषण कर रहा है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और मामला ट्रायल पर है। लेकिन, कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी डॉक्टर ने युवती के आरोपों को झूठा बताया है। पुलिस और कोर्ट के आदेश पर डीएनए टेस्ट कराने से मना कर दिया। पीड़िता मां और वह खुद डीएनए टेस्ट कराने के लिए राजी थी। इसके बाद उसने आरोपी डॉक्टर का डीएनए टेस्ट कराने के लिए हाईकोर्ट में अपने अधिवक्ता अमित बक्शी के माध्यम से याचिका दायर की। जहां सभी पक्षों की सुनवाई हुई। हाईकोर्ट के जस्टिस एनके व्यास ने पीड़िता, उसकी बेटी और आरोपी डॉक्टर का डीएनए टेस्ट कराने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि वर्तमान परिस्थितियों में डीएनए टेस्ट कराने से ही सच्चाई सामने आएगी।