किष्किंधा या अजनेरी कहां है रामभक्त हनुमान की जन्मस्थली, कल धर्मसंसद में संत करेंगे समाधान

0
325

नासिक/प्रयागराज। भगवान राम और कृष्ण जन्मस्थली विवाद के बाद अब रामभक्त हनुमान (Lord Hanuman Birthplace Controversy) की जन्मस्थली को लेकर नया विवाद शुरु हो गया है। भगवान हनुमान की जन्मस्थली के विवाद को आपसी बातचीत से सुलझाने और शास्त्रों के आधार पर निपटाने पर नासिक (Nashik Dharma Sansad) में धर्म संसद बुलाई गई है, जहां इसका फैसला होगा।

क्यों हो रहा है विवाद

दरअसल संतों ने भगवान हनुमान के जन्मस्थान को लेकर अलग-अलग दावे पेश किए हैं। मामले को बढ़ता देख महंत श्री मंडलाचार्य पीठाधीश्वर स्वामी अनिकेत शास्त्री देशपांडे महाराज ने 31 मई को नासिक में धर्म संसद बुलाई है। इस धर्म संसद में देश भर के सभी साधु-संत हिस्सा लेंगे और भगवान हनुमान की जन्मभूमि के संबंध में अपने विचार रखेंगे। इसके बाद इस मुद्दे पर धर्म संसद अपना फैसला सुनाएगी।

कैसे उठा विवाद?

दरअसल, कर्नाटक के एक संत महंत गोविंद दास ( Mahant Govind Das) ने दावा किया है कि भगवान हनुमान का जन्म नासिक के अजनेरी में नहीं बल्कि किष्किंधा (कर्नाटक) में हुआ था। उन्होंने बाल्मीकि रामायण का संदर्भ देते हुए दावा किया कि हनुमान जी का जन्म नासिक के अजनेरी में नहीं, बल्कि कर्नाटक के किष्किंधा में हुआ था।

रामायण में महर्षि वाल्मीकि ने कहीं नहीं लिखा है कि हनुमान जी का जन्म अजनेरी में हुआ था। जन्म स्थान हमेशा एक ही स्थान पर रहता है। अपने इस दावे के पक्ष में उन्होंने शास्त्रों का भी हवाला दिया। उन्होंने नासिक के संतों से अपील की है कि वे हनुमान जी की जन्म भूमि अजनेरी है, यह सिद्ध करें।

महंत गोविंद दास सोमवार को त्रंबकेश्वर पहुंचे, वह जहां हनुमान जन्मभूमि पर शास्त्रों के आधार पर नासिक के संतों के साथ विचार-विमर्श करेंगे। इस दावे की वजह से उठे विवाद को सुलझाने के लिए नासिक के महंतों ने 31 मई को धर्म संसद बुलाई है।