सुंदर पहाड़, कल-कल करते झरने और आसमान से मिलाप करती नीली झीलों को देख आप भी हो जाएंगे छग की कुदरती अदाओं के दीवाने

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0 मिनी गोवा का आभास कराता है सतरेंगा, बुका में छत्तीसगढ़ का मॉरीशस तो बस्तर का चित्रकोट मानों खूबसूरत न्याग्रा वाटरफॉल

कोरबा। खूबसूरती भला किसे नहीं भाती। फिर बात सैर सपाटे की हो तो बस कुछ नया मिलने टिप मिलने की देर है और लाख मुश्किलें झेलकर भी आप प्रकृति के बीच दौड़े चले आएंगे। हमारा छत्तीसगढ़ भी कुदरत की ढेर सारी खूबसूरती समेटे हुए है। दूर तक फैले जंगल, सुंदर पहाड़ों की श्रृंखलाएं, कल-कल करते झरने और आसमान से मिलाप करने की कोशिशें करती गहरी नीली झील। कोरबा जिले का सतरेंगा मिनी गोवा का आभास कराता है तो बुका को छत्तीसगढ़ का मॉरीशस कहा जाता है। बस्तर का चित्रकोट मानों खूबसूरत न्याग्रा वाटरफॉल का प्रतिरूप हो। कुछ देर के लिए ही सही, पर अगर इनकी आगोश में पहुंच गए तो आप भी छत्तीसगढ़ की इन कुदरती अदाओं के दीवान बन ही जाएंगे।

दिसंबर आने वाला है तो आप भी अपने बैग करना शुरू कर दीजिए और हम आपको रूबरू कराते हैं, उन टूरिस्ट डेस्टिनेशंस से, जहां आकर आप अपनी ट्रिप यादगार बना सकते हैं।

दिसंबर और जनवरी का महीना ऐसा होता है, जब सर्दियां शबाब पर होती है। इस समय स्वेटर और जैकेट से ढके रहना सभी को अच्छा लगता है। रजाई से निकलने का मन नहीं करता। ऐसे कठिन मौसम के बावजूद इसके घूमने के शौकीन नई-नई जगह एक्सप्लोर करने से पीछे नहीं हटते। ऐसे घूमने के जुनूनी लोगों के लिए हम दिसंबर महीने की एक ऐसी डेस्टिनेशन बताने वाले हैं। जहां आप सर्दियों की छुट्टियां मना सकते हैं। यह ऐसी जगह जहां आपको बार-बार जाने का मन करेगा। हम आपको छत्तीसगढ़ के बेस्ट हिल स्टेशन के बारे में बताने वाले हैं जिसे इस राज्य का स्वर्ग कहते हैं।

 

चिरमिरी हिल

छत्तीसगढ़ की बेस्ट डेस्टिनेशन चिरमिरी हिल स्टेशन छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में स्थित है। चिरमिरी भारत की उन जगहों में से हैं जो प्राकृतिक रूप से समृद्ध है फिर चाहे वो दूर तक बिखरी हरियाली हो या अनगिनत झरनों का सुख। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ का यह खूबसूरत हिल स्टेशन समुद्र तल से 579 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं है, घूमने के शौकीनों के लिए। आपको बता दें कि चिरमिरी घने जंगलों और तमाम तरह के वन्य जीवों का घर भी है। यही कारण है कि इस हिल स्टेशन को छत्तीसगढ़ का स्वर्ग कहा जाता है। आपको बता दें कि प्राकृतिक रूप से समृद्ध इस जगह में कोयले की कई खदाने पाई जाती हैं। चिरमिरी छुट्टियां मनाने के लिए बेस्ट डेस्टिनेशन में से एक है।

 

जगन्नाथ व गुफा मंदिर, रतनपुर का महामाया मंदिर

 

आपको अध्यात्म में रुचि है तो फिर आप मंदिर से शुरूआत कर सकते हैं। आप जगन्नाथ मंदिर, गुफा मंदिर और रतनपुर का महामाया मंदिर में दर्शन करके देवी देवताओं का आशीर्वाद ले सकते हैं। यहां पर आपको मन मोह लेने वाले नजारे देखने को मिलेंगे। शोर शराबे से दूर आपको सुकून और चैन चाहिए तो चिरमिरी में आप गांवों की सैर कर सकते हैं। चिरमिरी के इर्द-गिर्द ऐसे कई गांव हैं, जहां आप आराम से घूम सकते हैं। इन जगहों पर गांव के जीवन और प्राकृतिक सौंदर्य का पूरा मजा ले सकते हैं। आपको इन गांवों में होम स्टे का भी इंतजाम मिल जाएंगे. ऐसे में आपको यहां के कल्चर के बारे में जानने का मौका मिलेगा।

 

अमृत धारा, अकुरी नाला, रमाधा जैसे झरने

 

इसके बाद आप यहां के झरनों का आनंद उठा सकते हैं। यहां पर आपको कई सारे झरने को देखने को मिलेंगे। अमृत धारा, अकुरी नाला, रमाधा जैसे झरने आप देख सकते हैं। यहां पर झमझमाते गिरते पानी को देखकर मन खुश हो जाएगा।

 

ट्रैकिंग के लिए कोंडागांव का मांझीनगढ़

 

 

छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में स्थित मांझीनगढ़ इन दिनों युवाओं और पिकनिक पसंद करने वाले लोगों के बीच खासा प्रचलित है। यह राज्य के नए पर्यटन स्थल के रूप में फेमस हो रहा है और लोग यहां ठंड के इस खुशनुमा मौसम में दोस्तों और परिवार के संग पिकनिक मनाने पहुंच रहे हैं। पहाड़ की चोटी से खूबसूरत नजारा प्रकृति के सौंदर्य का लुत्फ उठा सकते हैं, खूबसूरत जलप्रपात देख सकते हैं, कैंपिंग कर सकते हैं, ठंड में पहाड़ और वादियों का आनंद लें सकते हैं, जंगल में ट्रेकिंग कर सकते हैं।मांझीनगढ़ पहुंचने के लिए सबसे आसान तरीका सड़क मार्ग है। यहां आप सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं। मांझीनगढ़ कोंडागांव जिले में मौजूद है जिसकी दूरी राजधानी रायपुर से मात्र 160 किलोमीटर है। केशकाल की सुंदर घाटियों से होते हुए आप यहां पहुंचेंगे। यहां पहुंचने के लिए जो रास्ता जाता है वह भी बेहद खूबसूरत है।


छग का कश्मीर बनाती हैं चैतुरगढ़ की पर्वत श्रृंखलाएं, गुफाएं

कोरबा जिले के पाली विकासखंड में चैतुरगढ़ की मोहक पर्वत श्रृंखलाएं और गुफाएं बेहद प्रसिद्ध हैं। प्रसिद्ध महिषासुर मर्दिनी मंदिर स्थित है। महिषासुर मर्दिनी की मूर्ति, 12 हाथों की मूर्ति, गर्भगृह में स्थापित होती है। मंदिर से 3 किमी दूर शंकर की गुफा स्थित है। यह गुफा जो एक सुरंग की तरह है, 25 फीट लंबा है। पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित चैतुरगढ़ मंदिर मैकाल पर्वत श्रृंखला की ऊंची चोटियों में से एक है। गर्मी में भी यहां का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं होता है। इसीलिए इसे छत्तीसगढ़ का कश्मीर कहा जाता है। अधिकांश इतिहासकारों का मत है कि कल्‍चुरी राजाओं ने 36 किले या कई गांवों को मिलाकर गढ़ बनाए थे।


कोसगाईगढ़ में देखें किला, प्राचीन संरचनाओं के अवशेष

कोसगईगढ़ एक गांव है, जो फुटका पहाड़ के पहाड़ी इलाकों पर कोरबा-कटघोरा रोड से 25 किलोमीटर दूर है। यह राजा द्वारा बनाया गया था प्राकृतिक दीवारे यहाँ की रक्षा करती है और कुछ हिस्सों में ही बिल्डरों ने दीवारों के निर्माण की आवश्यकता महसूस की है यह स्थान से जो समुद्र तल से 1570 फीट स्थित है जहा से कोरबा जिले का एक बड़ा हिस्सा दिखाई दे रहा है। किले के मुख्य प्रवेश बिंदु पर पारगमन की तरह एक सुरंग है, जहां एक ही व्यक्ति चल सकता है। युद्ध के दौरान राजा के सैनिकों ने बड़े पत्थरों को रोल करके दुश्मनो को किले में आने से रोका। प्राचीन संरचनाओं के अवशेष पहाड़ी के चारों ओर फैले हुए हैं।किले घने जंगल में छिपा हुआ है, जो बीयर, तेंदुआ आदि जैसे जंगली जानवरों का घर है।