Thursday, March 28, 2024
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कोरबा: छत्तीसगढ़ किसान सभा की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी, सैकड़ों की संख्या में पहुंचे विस्थापित परिवार,अब आरपार की लड़ाई

कोरबा। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ द्वारा एसईसीएल के कुसमुंडा मुख्यालय के सामने पिछले दो दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी है। किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा, भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव और सचिव दामोदर श्याम पिछले 30 घंटे से भी ज्यादा समय से लगातार भूख हड़ताल में बैठे हैं। उनके समर्थन में गेवरा, दीपका और कुसमुंडा के भी भू विस्थापित परिवार समर्थन देने पहुंच रहे हैं।

 

0.489 दिनों से लगातार आंदोलन

उल्लेखनीय है कि कुसमुंडा में बरसों पुराने भूमि अधिग्रहण के बदले लंबित रोजगार प्रकरणों का निराकरण कर जमीन के बदले स्थायी रोजगार देने की मांग को लेकर किसान सभा के नेतृत्व पिछले दो वर्षों 489 दिनों से लगातार आंदोलन किया जा रहा है। एसईसीएल प्रबंधन ने जमीन अधिग्रहण के बाद रोजगार देने की अपनी नीति में बदलाव कर दिया, जिसके कारण हजारों पात्र लोग रोजगार से वंचित हो गए हैं।

0.पुराने भूमि अधिग्रहण नीति के आधार पर दे रोजगार

किसान सभा के नेतृत्व में आंदोलनकारी भूविस्थापित इस नीति को मानने के लिए तैयार नहीं है और वे पुराने भूमि अधिग्रहण पर पुरानी नीति के अनुसार ही रोजगार देने की मांग कर रहे हैं। इस मांग पर कुसमुंडा में आंदोलन के दबाव में प्रबंधन झुका तो है, लेकिन उसके टाल-मटोल के कारण भूविस्थापितों को कोई राहत नहीं मिल रही है, जिससे इस क्षेत्र में भारी आक्रोश फैल रहा है।

0.अब आर-पार की लड़ाई: प्रशांत झा

किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा का कहना है कि जिला प्रशासन और एसईसीएल के आश्वासन से थके भू विस्थापितों ने अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ग्रामीणों की बर्बादी और किसानों की लाशों पर एसईसीएल अपने मुनाफे के महल और उत्पादन के नए कीर्तिमान खड़े कर रहा है।

प्रशांत झा ने कहा कि, दो दिनों से भू विस्थापित रोजगार की मांग को लेकर भूख हड़ताल में बैठे हैं लेकिन जिला प्रशासन और खुद एसईसीएल प्रबंधन ने अभी तक भूख हड़ताल में बैठे लोगों की सुध नहीं ली है प्रबंधन को केवल कोयले की भूख है। जमीन अधिग्रहण के बाद भू विस्थापित भूखे मरने के लिए मजबूर है इसलिए रोजगार की मांग को लेकर भू विस्थापितों के चल रहे भूख हड़ताल से कोई प्रबंधन को कोई मतलब नहीं है। किसान सभा नेता ने कहा कि किसान सभा भूविस्थापितों के चल रहे संघर्ष में हर पल उनके साथ खड़ी रहेगी।

0.एसईसीएल रोजगार देने का अपना वादा पूर करे: रोजगार एकता संघ

भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव और सचिव दामोदर श्याम ने कहा कि एसईसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन द्वारा भू विस्थापितों की समस्याओं को गंभीरता से न लेने के खिलाफ वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में बैठने के लिए मजबूर हुए हैं। एसईसीएल रोजगार देने के अपने वायदे पर अमल नहीं कर रहा है।

किसान सभा ने कहा कि पूरे देश मे आजादी के बाद से अब तक विकास परियोजना के नाम पर गरीबों को ही विस्थापित किया गया है और अपने पुनर्वास और रोजगार के लिए ये परिवार आज भी भटक रहे हैं। अब किसानों के पास संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। एसईसीएल प्रबंधन और सरकार सभी भू विस्थापित परिवारों को रोजगार देने की प्रक्रिया जल्द शुरू करे, नहीं तो आंदोलन और उग्र होगा।

आंदोलनकारी ग्रामीण जल्द बड़े आंदोलन की भी तैयारी में है। भूख हड़ताल 2 मार्च को 11 बजे से दिन रात चल रहा है और इस बार भू विस्थापित भी आर पार की लड़ाई की तैयारी के साथ मैदान में उतरे है।

आंदोलन में रघु यादव, सुमेन्द्र सिंह ठकराल, दीना नाथ, मोहनलाल यादव, हरिहर पटेल,जय कौशिक, बृजमोहन, लक्ष्मीन बाई,दूज कुंवर, बंधन बाई, अमृत बाई, जान कुंवर, गणेशा बाई, अमृत बाई,श्याम बाई,पद्मनी बाई,फुलेश्वरी बाई,चंद्रशेखर,रविकांत ,फणींद्र,श्रवण कुमार,रघुनंदन, आनंद दास, कलीराम, राधे, ओंकार,मुनीराम,नरेंद्र,अनिल बिंझवार सहित साथ बड़ी संख्या में भूविस्थापित भूख हड़ताल के समर्थन में शामिल हो रहे हैं।

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