The Duniyadari: छत्तीसगढ़ में बड़े घोटालों का खुलासा: सरकारी फंड की लूट, मोक्षित कॉर्पोरेशन पर ईडी की कार्रवाई, करोड़ों की संपत्ति जब्त
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ वर्षों में सरकारी योजनाओं में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार सामने आया है। पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में रायपुर शहर के विकास के लिए दिए गए हजारों करोड़ रुपये फिजूलखर्ची में बर्बाद कर दिए गए। स्मार्ट सिटी योजना के तहत बने टॉयलेट, बस स्टैंड, एलईडी पोल और अन्य परियोजनाएं बेकार साबित हुईं। आरोप है कि प्रशासन और नेताओं की मिलीभगत से जनता का पैसा व्यर्थ हुआ।
इसी बीच मोक्षित कॉर्पोरेशन और उससे जुड़ी कंपनियों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कड़ी कार्रवाई की। रायपुर ज़ोनल यूनिट ने कंपनी और 85 संबद्ध फर्मों पर 28 करोड़ से अधिक का कर उल्लंघन नोटिस जारी किया। फर्जी बिलों के माध्यम से टैक्स का दुरुपयोग और मनी लॉन्ड्रिंग की पुष्टि हुई है। तलाशी में 200 से अधिक बैंक खाते और लेनदेन से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए हैं। मुख्य आरोपी शशांक चोपड़ा सहित कई लोग पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। साथ ही 40 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है।
यह मामला सीजीएमएससी द्वारा किए गए रिएजेंट और मेडिकल उपकरणों की खरीद में हुए करीब 650 करोड़ के घोटाले से भी जुड़ा है। एंटी करप्शन ब्यूरो और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने कई अधिकारियों को गिरफ्तार कर जांच शुरू की। आरोप है कि उपकरण कई गुना कीमत पर खरीदे गए और समय से पहले ही बेकार हो गए।
ईडी की कार्रवाई में दुर्ग, रायपुर, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश तक कई स्थानों पर छापे मारे गए। अधिकारियों ने कहा कि जांच अभी जारी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने आश्वासन दिया है कि भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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