Saturday, May 18, 2024
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2008 पर 13 भारी…डीएमएफ का प्रभार और चेहरे में चमक…

मलाई वाले काम नेता पुत्रों के नाम

नगर निगम के अधिकांश मलाई वाले कामों में नेता पुत्रों का कब्जा है। खैर प्रदेश में जिसकी भी सरकार रहती है ठेकेदार भी उन्हीं का रहता है। यही वजह है निगम के अधिकांश कामों में झोलझाल रहता है। जानकारों की माने तो शहर में अधिकांश गार्डन और मलाई वाले काम नेता पुत्रों के नाम का ठप्पा लगा हुआ हैं। वैसे कहा ये जाता रहा है कि किसी नेता या अधिकारी के रिश्तेदार ठेकेदारी नही कर सकते, पर यंहा तो सब जलता है।

डीएमएफ का प्रभार और चेहरे में चमक

ऊर्जा नगरी को यू ही अधिकारियों के लिए ऊर्जा का केंद्र नहीं कहा जाता। अब डीएमएफ शाखा को ही ले लीजिए यहां बैठने वाले अधिकारियों के चेहरे में ऑटोमेटिक चमक आ जाती है। अब भरोसा को ही देख लीजिए। भरोसा करके प्रभार तो दिया गया लेकिन, उन्हें भी चेक में नमक की चमक चाहिए। खैर यहां कोई भी रहा है असली मलाई तो उसे ही मिलता है।

आरटीआई कार्यकर्ता पर चढ़ा पुष्पा का नशा

शहर में पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं चल रहा। बात गाड़ी छुड़ाने से शुरू हुई थी और कहां पहुंच गई। दूसरे के चक्कर मे तीसरे को बाहुबली बनाना समझ से परे है।हालांकि इस आपसी द्वंद में आरटीआई कार्यकर्ता को बहुत कुछ नुकसान उठाना पड़ रहा है लेकिन वे झुकने के मूड में नहीं हैं। जनाब पर पुष्पा के नशा चढ़ा हुआ है।

भैया का जलवा

इन दिनों शहर के कांग्रेसी उत्तराखंड में जलवा बिखेर रहे हैं। जहाँ देखो सिर्फ भैया की ही चर्चा और चर्चा हो भी क्यों न हो… ताऊजी राष्ट्रीय स्टार प्रचारक जो बन गए हैं। मुख्यमंत्री के बाद सिर्फ उत्तराखंड के गली-चौराहों में सिर्फ भैया के चर्चे हैं।

2008 पर 13 भारी

कहते हैं समय सही हो तो सब सही हो जाता है। अब देखिए न जिला पुलिस बल में 2008 बैच के सीनियर निरीक्षकों पर 2013 बैच के टीआई भारी पड़ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक जिले के अधिकांश थानों में 2013 बैच थानेदार थानेदारी कर रहे है। कहा तो यह भी जा रहा है कि कुछ 2008 के टीआई 13 बैच के नीचे भी काम कर रहे हैं। खैर जहां मलाई हो वहां सीनियर और जूनियर नहीं देखा जाता। लेकिन, सीनियर थानेदारों की दुर्गति देख हर कोई हैरान है।

उल्टे पड़ी मुसीबत

प्रदेश की राजधानी में फरवरी का महीना राजनीतिक पार्टी के लिए भारी पड़ रहा है। पहले राहुल गांधी को काला झंडा दिखाने के नाम पर भाजपाई पुलिस से पिटे। फिर सिंधिया आये तो बदला लेना का अच्छा मौका कांग्रेस के हाथ लगा। लेकिन वो भाजपाई मंत्री के हाथों पीट गए, बदला पूरा हो गया। लेकिन, मारपीट के इस चक्कर में बेचारे पूर्व मंत्री बेवजह फंस गए। अब खबर है कि उनके खिलाफ पुलिस एक्टोसिटी एक्ट में मामला दर्ज करने वाली है। गनिमत है कि अभी फरवरी का पहला सप्ताह ही गुजरा है। पूरी सरकार सीएम की बेटे की शादी की अवभगत में लगी है। आने वाले सप्ताह में मारपीट के इस चक्कर में और कितने लफड़े आएंगे….इसके लिए थोड़ा इंतजार तो करना ही होगा।

 

अनिल द्विवेदी ,ईश्वर चन्द्रा

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