कोण्डागांव : तीन नक्सलियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता, समाज की मुख्यधारा में लौटे

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The Duniyadari : कोण्डागांव जिले में पुलिस को नक्सल विरोधी अभियान में एक और बड़ी सफलता मिली है। जिले में सक्रिय तीन नक्सलियों ने गुरुवार को आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ने का निर्णय लिया। आत्मसमर्पण करने वालों में एक महिला नक्सली भी शामिल है, जिस पर राज्य सरकार ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।

आत्मसमर्पण करने वाली महिला नक्सली सिरबत्ती उर्फ बत्ती कोर्राम पूर्वी बस्तर डिवीजन की सप्लाई टीम में सक्रिय थी। उसके साथ दो अन्य नक्सली—जगत राम (डीएकेएमएस सदस्य, मातला क्षेत्र) और लच्छन (डीएकेएमएस सदस्य, किसकोड़ो क्षेत्र)—ने भी हथियार डाल दिए। तीनों लंबे समय से संगठन में सक्रिय थे और पुलिस के लिए वांछित थे।

पुलिस अधीक्षक कार्यालय कोण्डागांव में आयोजित आत्मसमर्पण समारोह के दौरान तीनों ने बताया कि संगठन के भीतर बढ़ते मतभेद, लगातार हो रही पुलिस कार्रवाई, वरिष्ठ नक्सलियों के आत्मसमर्पण और एक सुरक्षित पारिवारिक जीवन की इच्छा ने उन्हें यह निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया।

राज्य सरकार की ‘आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025’ के तहत सभी नक्सलियों को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है। साथ ही, पुनर्वास और पुनर्स्थापन से संबंधित अन्य सुविधाएं भी उन्हें प्रदान की जा रही हैं।

इस मौके पर पुलिस अधीक्षक पंकज चन्द्रा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ऑप्स) रूपेश कुमार डाण्डे, डीएसपी (ऑप्स) सतीष भार्गव के साथ सीआरपीएफ की 188वीं और 12वीं बटालियन के अधिकारी उपस्थित रहे।

यह आत्मसमर्पण अभियान बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी., डीआईजी उत्तर बस्तर अमित तुकाराम काम्बले और सीआरपीएफ डीआईजी एस. अरूल कुमार के निर्देशन में संचालित किया गया। अधिकारियों ने बताया कि नक्सल प्रभावित इलाकों में जारी विकास कार्यों, सिविक एक्शन कार्यक्रमों और लगातार चल रही सुरक्षा कार्यवाहियों से ग्रामीणों का विश्वास प्रशासन पर बढ़ा है। इसी कारण अब कई नक्सली हथियार छोड़कर शांति और विकास के रास्ते को अपना रहे हैं।