कोरबा। कोविड के दो बरस बाद लग रहे पोला बाजार पर महंगाई की नजर लग चुकी है। मिट्टी के बैल और दूसरे अन्य खिलौनों की खरीदी 20 से 30 फ़ीसदी महंगे में करनी होगी। भोग लगाए जाने वाले आहार पहले से ही महंगाई की चपेट में आ चुके हैं।
मिट्टी के बैल, चक्कियां और पोरा की लग रही दुकानें संकेत दे रहीं हैं पोला पर्व का। लकड़ी से बने बैल मांग की प्रतीक्षा में हैं लेकिन कीमत पूछ कर निकल जा रहे उपभोक्ताओं को देखकर विक्रय करने वाले हैरान और परेशान हैं क्योंकि कुछ ही घंटे शेष रह गए हैं पर्व के लिए। विक्रेता इनकार नहीं करते कि कीमत में तेजी आई है लेकिन क्रेताओं की अरुचि ऐसी होगी, अंदाजा नहीं था।
40 का एक…
लकड़ी से बना बैल,इस पोला में 40 रुपये में खरीदा जा सकेगा।यदि जोड़ी में लेना है, तो 70 रुपये तैयार रखिए। मिट्टी के बैल की कीमत ने जैसी छलांग लगाई है वह हैरत में डालने वाली है। परंपरा है, इसलिए इसकी खरीदी 50 रुपये में करनी होगी। जोड़ी के लिए 90 या फिर 100 रुपए लगेंगे।
पोरा और चक्कियां
सामान्य आकार में विक्रय के लिए पहुंची मिट्टी की चक्कियां और पोरा भी कीमत में वृद्धि से अछूती नहीं हैं। 27 अगस्त को पोला पर्व के लिए दोनों 15-15 रुपए में लिए जा सकेंगे। बताते चलें कि मिट्टी शिल्पकारों ने बाजार की मांग अपेक्षित नहीं निकलने की स्थिति को देखते हुए पहले से ही कम संख्या में इन्हें बनाया है।पोरा तो बिक जाएगा लेकिन चक्कियों पर संदेह का साया है।
सिर्फ पूछताछ
हैरत में हैं विक्रेता, यह देखकर कि कीमत सुनकर निकल जा रहे उपभोक्ता कब लौटेंगे ? खरीदी को लेकर बेहद कमजोर यह रुझान, परेशान और हताश कर रहा है। लिहाजा कीमत कम करके बेचने का प्रयास किया जा रहा है। इसके बावजूद उत्साहित करने वाली खरीदी का माहौल नहीं बन रहा है।