ऐसा क्या हुआ कि आग बबूला हुए IAS..गुस्से में आकर कही ये बड़ी बात, बोले खुला चैलेंज कर रहा…

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रायपुर: रायपुर नगर निगम के भाजपा और कांग्रेस पार्षदों के बीच आरोप-प्रत्यारोप तो चलता ही रहता है, लेकिन इस बार मामला कुछ अलग ही है। दरअसल तेलीबांधा चौक से वीआईपी चौक तक डिवाइडर निर्माण हो रहा है । जिस पर भाजपा पार्षद दल और नेताप्रतिपक्ष मीनल चौबे ने आपत्ति जताई है । भाजपा पार्षद दल का आरोप है कि डिवाइडर निर्माण का कार्य बिना टेंडर के किया जा रहा है।

वहीं विपक्ष का कहना है कि सौंदर्यकरण का काम टेंडर पास होने से पहले कैसे शुरू हुआ। अब विरोध करने पर टेंडर को निरस्त करने की बात कही जा रही है। इसी बात को लेकर रायपुर नगर निगम की नेताप्रतिपक्ष मीनल चौबे भाजपा पार्षद दल के साथ निगम कमिश्नर मयंक चतुर्वेर्दी के पास पहुंचे।

मीनल चौबे ने अपनी बात रखते हुए कहा कि निगम का ऐसा कोई भी कार्य नहीं है जो कमिश्नर की जानकारी में न हो । इसी दौरान मीनल चौबे ने कमिश्नर मयंक चतुर्वेर्दी से यह तक कहा कि आपको या तो इस बारे में कुछ पता ही नहीं है या तो अपने करीबी को लाभ पहुंचाने यह कार्य किया जा रहा है। बस इतना सुनने के बाद आईएएस मयंक चतुर्वेदी आग बबूला हो गए और कहा कि आपको आप मेरे ही सामने बैठकर मुझ पर ऐसे आरोप मत लगाइए। यदि आपको लगता है मैं गलत हूं तो जाकर शिकायत करिए।

इतना ही नहीं कमिश्नर साहब ने नेता-प्रतिपक्ष को यह कहकर चैलेंज किया कि मेरी शिकायत करिए मेरे अकाउंट्स की डीटेल निकालकर देख लिजिए। जहां शिकायत करनी है करिए। मैं अभी फौरन किसी बात का जवाब नहीं दे सकता, मैं जन प्रतिनिधि नहीं हूं। मैं प्रक्रिया से काम कर सकता हूं। जो प्रक्रिया होगी वैसे ही काम होगा।

भाजपा पार्षद दल ने लगाया ये आरोप

तेलीबांधा से वीआईपी चौक तक डिवाइडर का सौंदर्यकरण हो रहा है। इस पर भाजपा पार्षद दल और नेताप्रतिपक्ष मीनल चौबे ने आपत्ति जताई है कि काम बिना टेंडर के कैसे पास हुआ ? इसके पीछे निगम किसको फायदा पहुंचाना चाहती है। इसका जब विरोध हुआ तो निगम टेंडर निरस्त करने की बात कह रहा है। वहीं भाजपा पार्षद दल ने बताया कि 2 करोड़ का काम था, लेकिन उसे 12 टुकड़ों में तोड़कर जारी किया गया .इसके साथ ही हर टुकड़े की कीमत 20 लाख से कम रखी गई क्योंकि 20 लाख से अधिक राशि के कार्यों का आॅनलाइन टेंडर करना होता है ।

नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा- तेलीबांधा की सड़क पर डिवाइडर पर सौंदर्यीकरण का काम आधे से अधिक पूरा हो गया है। अब टेंडर बाद में जारी हुआ है, जिसे आपत्ति के बाद निगम निरस्त करने की बात कह रहा है। 2 करोड़ का काम था। जानबूझकर इसे 12 टुकड़ों में जारी किया। हर टुकड़े के काम की कीमत 20 लाख से कम रखी गई, क्योंकि 20 लाख के ऊपर के कामों का टेंडर आॅनलाइन करना होता है। पूरा काम एक ही व्यक्ति को दे दिया गया।

घोटाले की करेंगे शिकायत

तेलीबांधा डिवाइडर के काम को लेकर बरती गई लापरवाही से साफ है कि इस मामले में गड़बड़ी तो हुई है। मीनल चौबे ने ये भी दावा किया है कि, निगम के पास एनएआई का कोई एनओसी भी नहीं है। मगर आधे से अधिक काम पूरा हो चुका है। अब इस पूरे मामले की शिकायत जांच एजेंसियों से भी की जाएगी। दूसरी तरफ इस काम को रोककर निगम प्रशासन जांच का दावा कर रहा है।