नई दिल्ली। अडानी समूह को लेकर चल रही खबरें विदेशी-घरेलू शेयर बाजारों से लेकर संसद तक हलचल पैदा कर रही हैं और अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अडानी समूह के समर्थन में आ गया है। संघ के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर ने Decoding the hit job by Hindenburg against Adani Group नाम से एक आर्टिकल छापा है और इसमें कहा गया है कि अडानी ग्रुप पर हमले की शुरुआत 25 तारीख 2023 में शुरू नहीं हुई है। इस ग्रुप को टारगेट करने की पटकथा 2016- 17 में ऑस्ट्रेलिया में रची गई थी।
ऑर्गेनाइजर ने ये भी लिखा है कि अडानी ग्रुप पर यह हमला ऑस्ट्रेलिया से साल 2016-17 में शुरू हो चुका है और गौतम अडानी की छवि खराब करने और उन्हें बदनाम करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई एनजीओ ने एक वेबसाइट चलाई है। इतना ही नहीं अब अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पूरी प्लानिंग के तहत बनाई गई है।
ऑर्गेनाइजर ने लिखा है कि ऑस्ट्रेलिया में जो वेबसाइट बनाई गई है, उसका मकसद है कि इस ग्रुप को बदनाम किया जाए और गौतम अडानी को टारगेट किया जाए। ये वेबसाइट जिसका नाम अडानीवॉचडॉटओआरजी है उसके जरिए इसका मकसद पूरा करने की कोशिश की जा रही है।
0.हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद मची है हलचल
बता दें कि भारतीय अरबपति गौतम अडानी के बारे में अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से उनके 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा डूब गए हैं और उन्हें ग्लोबल अमीरों की सूची में नीचे धकेल दिया गया है।
अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों को हालांकि खारिज कर दिया है पर इसके बाद भी अडानी समूह के शेयरों और गौतम अडानी की नेटवर्थ दोनों में गिरावट जारी है।
वहीं दुनिया की बड़ी रेटिंग एजेंसी एसएंडपी यानी स्टैंडर्ड एंड पूअर ने अडानी ग्रुप की दो कंपनी अडानी पोर्ट्स और अडानी इलेक्ट्रिसिटी के आउटलुक को स्टेबल से घटाकर निगेटिव कर दिया है। इस खबर का असर अगले सप्ताह के कारोबारी सत्र में अडानी समूह के शेयरों के भाव पर पड़ सकता है।