नेशनल डेस्क।कंगना रनौत अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। अभिनेत्री सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। कंगना जब से ट्विटर पर लौटी हैं कॉन्ट्रोवर्सी क्रिएट करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहीं। हाल ही में पंजाब में अजनाला पुलिस स्टेशन पर ‘वारिस पंजाब दे’ के अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने हमला किया। अमृतपाल सिंह ने अपने समर्थक सवप्रीत सिंह तूफान के खिलाफ केस दर्ज कराने का विरोध किया है।
जिसके बाद उनके करीबी लवप्रीत तूफान को अब जेल से रिहा कर दिया गया है। हाथों में तलवार और बंदूक लिए समर्थकों ने अजनाला थाने के बाहर लगे पुलिस बैरिकेड्स को भी तोड़ दिया है। अब इसी मामले पर एक्ट्रेस कंगना रनौत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होने कहा है कि वह अमृतपाल सिंह से बहस के लिए तैयार है। बस अगर उन्हें गोली ना मारी जाए।
कंगना रनौत करेंगी अमृतपाल से चर्चा
कगंना रनौत ने हाल ही में ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘महाभारत में पांडवों ने राजसूय यज्ञ किया था, अर्जुन स्वयं सभी राजाओं से टैक्स लेने के लिए चीन तक गए थे। तब सभी राजाओं ने युधिष्ठिर को विराट भारत का सम्राट घोषित कर दिया। यहां तक कि जो विश्व युद्ध हुआ, उसे भी महाभारत कहा गया। अमृत पल मुझसे चर्चा करें।’
कंगना रनौत ने आगे लिखा कि ‘अमृत पाल ने देश को खुली चुनौती दी है कि अगर कोई उनके साथ बौद्धिक चर्चा करने को तैयार है तो वह खालिस्तान की मांग को सही ठहरा सकता है। अगर खालिस्तानियों ने मुझ पर हमला नहीं किया या गोली नहीं मारी तो मैं चर्चा करने के लिए तैयार हूं।’
Amrit pal has openly challenged the nation if anyone ready to have intellectual discussion with him he can justify the demand of #Khalistan I am shocked no one has accepted this challenge not even any politician.
If I am not beaten/attacked or shot dead by Khalistanis I am ready— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) February 25, 2023
अमृतपाल ने क्या दी थी चुनौती
बता दें कि अजनारा थाने में हुई घटना के बाद अमृतपाल सिंह ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा था कि ‘हिंदू राष्ट्र पर बहस हो सकती है तो खालिस्तान पर क्यों नहीं। पंजाब में हर गांव में युवा नशे की कैद में है। जब हिंदू राष्ट्र और सोशलिज्म पर डिबेट हो सकती है। डेमोक्रेसी समेत अन्य मसलों पर भी चर्चा हो सकती है तो खालिस्तान पर चर्चा क्यों नहीं। खालिस्तान पर भी बुद्धजीवियों के बीच डिबेट होना चाहिए। अगर यहां इस मुद्दे पर चर्चा होती तो हिंसा नहीं होती।