Amit Jogi will take a big decision : कार्यकर्ताओं के नाम इमोशनल खत में लिखा- पार्टी के विलय-गठबंधन पर इस हफ्ते जो भी निर्णय हो साथ दें

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रायपुर, Amit Jogi will take a big decision : प्रदेश में भाजपा कांग्रेस के अलावा तीसरे राजनीतिक विकल्प के तौर पर देखी जाने वाली पार्टी जनता कांग्रेस में कुछ बड़ा होने वाला है। हालांकि पिछले दो सालों में इस पार्टी ने अपनी ताकत खोई है। विधायक बाहर हुए, कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ी। पार्टी के बड़े चेहरे चुनाव न लड़ सके।

अमित जोगी ने एक इमोशनल खत कार्यकर्ताओं के नाम लिखा है। इसमें वो इस सप्ताह अहम निर्णय लेने की बात कहते दिख रहे हैं और गुजारिश कर रहे हैं कि फैसले में कार्यकर्ता उनका साथ दें। ये चिट्‌ठी उन्होंने ने सोशल मीडिया के जरिए अपने लोगों को भेजी है।

अमित जोगी ने अपनी चिट्ठी में लिखा-पापा के रहते और पापा के जाने के बाद आप लोगों ने कठिन समय में जोगी परिवार का साथ नहीं छोड़ा। पार्टी और परिवार में बने रहे। साथ खाए, साथ हंसे, साथ रोए… मेरे पास शब्द नहीं हैं। मैं आप लोगों का कैसे धन्यवाद करूं, शीश झुकाकर हाथ जोड़कर आप सभी का कोटि-कोटि आभार प्रकट करना चाहता हूं। अब चुनाव में बहुत कम समय बचा है मैंने, आपने, हम सभी ने कई बार पार्टी और हम सभी के राजनीतिक भविष्य को लेकर कई बार चर्चा की।

अमित जोगी का खत।

जोगी ने आगे लिखा- इस पर विचार विमर्श हुआ है, गठबंधन, विलय के सारे विकल्पों पर हमने साथ काम किया है । बहुत साफ है अगर मेरा राजनीतिक भविष्य उज्जवल है तो आप लोगों का भी होगा। अगर मेरा नाम ऊंचा जाएगा तो जोगी परिवार और राजनीतिक विरासत आगे बढ़ेगी। जिसका फायदा आपको ही होगा। अब हम और रुक नहीं सकते यह निर्णय की घड़ी है। दोनों राष्ट्रीय दलों से टक्कर लेने हमें संसाधन, सामर्थ्य, चेहरा और रोल मॉडल की आवश्यकता होगी। एक ऐसी कड़ी जिसको स्वयं जोगी जी ने अपने रहते ही जोड़ा था और अब हम इस कड़ी से जुड़कर और मिलकर छत्तीसगढ़ में 2023 में अपनी सरकार बनाएंगे।

खत में आगे लिखा गया- मैं इस संबंध में आप लोगों से यह विनती करता हूं और वादा चाहता हूं कि जो भी निर्णय हम इस हफ्ते लें उसमें आप मेरे साथ खड़े रहेंगे मैं विश्वास दिलाता हूं आपका भविष्य अब केवल और केवल उज्जवल ही होगा, जय छत्तीसगढ़…।

अमित हाल ही में अपनी मां रेणु का दिल्ली से इलाज करवा कर लौटे हैं।

खत के मायने
अमित जोगी ने कुछ बड़े इशारे खुद ही इस खत में दिए हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो अंदरूनी खेमे में दल के विलय की चर्चा हो रही है। मगर बड़ा खेमा इससे सहमत नहीं है। अब अमित जोगी की लिखी बातों के मायने समझिए। उन्होंने लिखा है कि ‘अगर मेरा नाम ऊंचा जाएगा तो जोगी परिवार और राजनीतिक विरासत आगे बढ़ेगी।’ जूनियर जोगी खुद को प्रोजेक्ट कर रहे हैं। उन्होंने एक और पंक्ति लिखी- छत्तीसगढ़ में 2023 में अपनी सरकार बनाएंगे। पूर्व के सियासी हालातों को देखा जाए तो जनता कांग्रेस ने भाजपा के प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार किया है। अब चर्चा है कि जनता कांग्रेस में इस सप्ताह होने वाले बड़े फैसले में भाजपा का असर भी हो सकता है।

जनता कांग्रेस की सियासी परिस्थिती
छत्तीसगढ़ के पहले CM दिवंगत अजीत जोगी ने कांग्रेस से अलग होकर, 23 जून 2016 को जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़-JCCJ नाम से एक नई पार्टी बना ली। 2018 के विधानसभा चुनाव में JCCJ ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया। इस गठबंधन ने 7 सीटें जीतीं, जिसमें से पांच अकेले जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के पास थीं। कई सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे। मई 2020 में जनता कांग्रेस विधायक अजीत जोगी का निधन हो गया।

मरवाही में उपचुनाव हुए कांग्रेस जीत गई। उसके बाद खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद खैरागढ़ में उपचुनाव हुआ वहां भी कांग्रेस जीत गई। विधायक धर्मजीत सिंह के साथ आपसी विवाद की वजह से उन्हें जनता कांग्रेस से निकाल दिया गया। विधायक प्रमोद साहू धर्मजीत के साथ ही रहते हैं। जनता कांग्रेस के कार्यक्रमों में नहीं दिखते। अब वर्तमान में एक ही विधायक जनता कांग्रेस के साथ है और वो खुद दिवंगत अजीत जोगी की पत्नी डॉ. रेणु जोगी ही हैं।

विधायक धर्मजीत सिंह।

6 मई को 400 लोगों ने पार्टी छोड़ दी
विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारी में जुटी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) को बिलासपुर में बड़ा झटका लगा। यहां प्रदेश सचिव, महिला और युवा विंग के पदाधिकारियों के साथ ही करीब 400 कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ दी। इसके साथ ही पदाधिकारियों ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी पर निष्क्रियता के आरोप लगाए थे। सभी ने कह दिया कि अब इस पार्टी में नेतृत्व का अभाव नजर आने लगा है।

भाजपा विलय का हो चुका है प्रयास
पिछले साल जनता कांग्रेस पार्टी को लेकर बड़ा सियासी खेल जनता ने देखा। पार्टी सूत्रों का कहना है, भाजपा में जनता कांग्रेस के विलय का प्रयास किया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद राजनीतिक फैसलों के लिए पार्टी काफी हद तक विधायक धर्मजीत सिंह पर निर्भर हो गई थी। उन्हीं की सलाह पर जोगी परिवार मरवाही उपचुनाव में भाजपा के मंच पर आया। भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगा। यहीं से राह बनी और पूर्व विधायक आर.के. राय भाजपा में शामिल हो गए।

धर्मजीत सिंह की सलाह पर राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिया। मई 2022 में जब डॉ. रेणु जोगी गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थीं, उसी दौरान धर्मजीत सिंह और प्रमोद शर्मा को लेकर एक भाजपा नेता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे थे। शाह नहीं मिले तो वे लोग तत्कालीन प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी से मुलाकात कर लौट आए थे। पार्टी को विलय की भनक लगते ही अमित जोगी ने धर्मजीत को दल से बेदखल कर दिया था।

अब आगे क्या होगा
चर्चा है कि अमित जोगी तीसरे मोर्चे के तौर पर खुद को बड़े नेता के तौर पर प्रोजेक्ट कर सकते हैं। माना जा रहा है प्रदेश में ऐसे क्षेत्रीय दल जो सियासी तौर पर चुनावी मैदान में सक्रिय हैं, उन सभी संगठनों के प्रमुखों से अमित जोगी मुलाकात कर चुके हैं। ये सिलसिला पिछले करीब 1 साल से जारी रहा। अपनी पार्टी के लोगों से भी अमित ने रायशुमारी की है। वर्तमान समय में संगठन की कमजोरी झेल रही जनता कांग्रेस के नेता अमित जोगी ने हाल ही में दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कहा था कि हमारी ताकत प्रदेश की जनता है। हम जनता के बीच जा रहे हैं। चुनाव में सभी 90 सीटों पर हम चुनाव लड़ेंगे। बहुत मुमकिन है कि अलग-अलग संगठनों को साथ लाकर तीसरे मोर्चे का महागठबंधन अमित खड़ा करें और इसी के साथ चुनावी मैदान में उतरें।