Victim's family: Made hostage by tying tape in the mouth of woman and girl, then did this work in turn, sensation in the area due to the incident
Victim's family
भोपाल। Bhopal Crime News : ठगी के दो मास्टरमाइंड बदमाशों को पकड़ने के लिए भोपाल क्राइम ब्रांच की पुलिस पश्चिम बंगाल तक गई। वहां पर 72 घंटे तक निगरानी करनी पड़ी। इस गिरफ्तारी के लिए पुलिस को भूखे रहना पड़ा, क्योंकि जिस गांव में निगरानी की जा रही थी, वह शहरी क्षेत्र से दूर था। नौबत यहां तक बनी कि पुलिस को चने खाकर समय गुजारना पड़ा। इस बीच दोनों बदमाश जैसे ही दिखे, उन्हें धर दबोचा और टीम इन्हें लेकर भोपाल आ गई। इन बदमाशों ने पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट हरिद्वार में इलाज कराने के नाम पर पिपलानी के संजय कुमार से दो लाख 27 हजार 422 रुपये की ठगी की थी। इस मामले में गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। यह गिरफ्तारी पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के माध्यमग्राम से की गई है।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त क्राइम ब्रांच शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि पिपलानी निवासी संजय कुमार ने 16 मई को शिकायत कर बताया था कि उनकी मां को लेकर इलाज के लिए उन्हें पतंजलि योगपीठ हरिद्वार जाना था। इसके लिए आनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए मोबाइल नंबर मिला। जब उन्होंने मोबाइल नंबरों पर सर्च किया तो इलाज और जांच के लिए कुछ रुपये एडवांस में जमा करने का बोला गया। मां की तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण ठग के बताए गए तीन बैंक खातों में रुपये जमा कराए थे, बाद में और रुपयों की मांग की तो तब जाकर ठगी का एहसास हुआ और मामले में एफआइआर दर्ज कराई।

पुलिस ऐसे पहुंची ठगों तक

ठग जिन नंबरों से फोन कर रहे थे, उसकी लोकेशन पश्चिम बंगाल आ रही थी और ठगी कर राशि पटना और कोलकाता के बैंक खातों से निकाली जा रही थी पुलिस ने मोबाइल नंबरों की लोकेशन निकाली तो वह लगातार बदल रही थी। बाद में क्राइम ब्रांच की एक विशेष टीम उत्तर 24 परगना पश्चिम बंगाल पहुंची, जहां 72 घंटे तक आरोपितों के घर पर नजर रखी। बाद में स्थानीय पुलिस के सहयोग से दो युवकों को हिरासत में लेकर जिले की क्राइम ब्रांच लाया, जहां आरोपितों के पास से बैंक पासबुक, दो मोबाइल फोन और चार सिम कार्ड जब्त हुए।
आरोपितों के कुछ साथी बिहार के पटना में हैं, जो एटीएम से राशि निकाल रहे थे। उनकी तलाश जारी है। आरोपितों में आकाश कर्मकार और अंकित साव दोनों निवासी माध्यमग्राम जिला उत्तर 24 परगना पश्चिम बंगाल हैं। आकाश बैंक खाते खुलवाकर धोखाधड़ी के लिए राशि उपलब्ध कराता था, जबकि अंकित पतंजलि के नाम से खोली गई वेबसाइट को अपडेट करने का काम देखता था। आरोपित पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट हरिद्वार से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर उसमें पतंजलि के मोनो (लोगो) का इस्तेमाल करते थे।
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