कोरबा। विश्व आदिवासी दिवस पर प्रदेश के आदिवासियों को बड़ा झटका लगा हैं। आदिवासी बाहुल्य प्रदेश से अध्यक्ष के पद की कमान छीनकर ओबीसी वर्ग को सौंपा गया है। प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। भाजपा अब आदिवासियों को साधने नया दांव खेलने की तैयारी में हैं। इस बीच राजनीतिक पंडितों में सीनियर आदिवासी लीडर ननकी राम को लेकर बहस छिड़ गई हैं। जानकारों की माने तो क्या रूठे आदिवासियों को मानने ननकी राम को नेता प्रतिपक्ष बनाएंगी। बहरहाल राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गर्म हैं।
बता दें कि प्रदेश भाजपा ने संगठन में जान फूंकने की कवायद से प्रदेश में विश्व आदिवासी दिवस के दिन बिलासपुर सांसद अरुण साव की प्रदेश अध्यक्ष के पद पर ताजपोशी की गई है। विष्णु देव साय को हटाकर साव को अध्यक्ष बनाने के बाद आदिवासी समाज मे भाजपा के प्रति आक्रोश देखने को मिल सकता है। अब राजीनीति के गलियारों में चर्चा इस बात की शुरू हो गई है कि क्या आदिवासियों को साधने के लिए सीनियर आदिवासी लीडर ननकी राम कंवर को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाएगा।
नन्दकुमार साय ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
छग भाजपा के दिग्गज आदिसासी नेता पूर्व सांसद व अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नन्द कुमार साय ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा विष्णुदेव साय को आज के दिन प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाये जाने को दुर्भाग्य पूर्ण बताया है। उन्होंने कहा विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आदिवासीवाहुल्य प्रदेश के आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष को हटाया जाना सही नही है। वो भी तब जब आज पूरे प्रदेश में भाजपा के पास एक भी आदिवासी विधायक नहीं है।हम प्रदेश में सारे जनजातीय सींटो को हार चुके ।