ED Raid: पीला लिफाफा, लोकेशन और गूगल मैप… छत्तीसगढ़ में ईडी की रेड किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोयाल घोटाले का खुलासा किया है। ED की टीम ने 11 अक्टूबर मंगलवार की सुबह 5 बजे से मुख्यमंत्री की OSD सौम्या चौरसिया, कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी, IAS समीर विश्नोई, रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू के ठिकानों के साथ साथ 12 से ज्यादा ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई की। ईडी ने छत्तीसगढ़ में कुछ अधिकारियों के साथ साथ कारोबारियों के घर पर भी छापा मारा है। वहीं गुरुवार को इस मामले में ED ने IAS समीर विश्नोई, सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी को कोर्ट में पेश किया, जहां ED की तरफ से वकीलों ने तमाम दस्तावेज जज के सामने रखे। दोनों पक्षों के वकीलों में जमकर बहस हुई, जिसके बाद विशेष अदालत ने ED को 8 दिन रिमांड दी है। इन आठ दिन में ED फिर से अपनी पूछताछ को आगे बढ़ाएगी।

इसी बीच ट्विटर पर छत्तीसगढ़ की ED रेड छाई रही। हाल ही में ED के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से कहा जाता है कि ‘ईडी ने तलाशी अभियान चलाया, जिसमें बेहिसाब नकदी, सोना और सराफा आदि के रूप में लगभग 6.5 करोड़ रुपये जब्त किए। विशेष अदालत, पीएमएलए, रायपुर ने ईडी की ओर से गिरफ्तार किए गए 3 व्यक्तियों (1 आईएएस अधिकारी सहित) को 21 अक्टूबर तक यानी 8 दिनों के लिए हिरासत में लिया है। 2022 पीएमएलए के तहत कोयला घोटाला मामले में।’ अगर ED के इस ट्वीट को ध्यान से पढ़ा जाए तो उनके हिसाब से छत्तीसगढ़ में एक बड़ा कोल घोटाला सामने आया है।

कैसी रही ED की स्ट्रेटजी?
छत्तीसगढ़ में हुई ईडी की रेड का तरीका पूरा फिल्मी था। विश्वसनीय सूत्र यह बताते हैं कि एक बड़ा प्लान करके इस पूरे रेड को अंजाम दिया गया है। ED रेड की स्ट्रेटजी की बात करें तो ED की टीम के अधिकारी रेड से 3 दिन पहले ही रायपुर पहुंच गए थे और अलग-अलग होटल में ठहरे हुए थी। छापेमारी से पहले रात को सभी होटलों में गाड़ियां बुला ली गई और रात 1 बजे रायगढ़ के लिए टीम रवाना हुई। वहीं सुबह 4 बजे रायपुर के 6 ठिकानों के लिए 20 गाड़ियां रवाना हुई। इस वक्त तक छापेमारी का नेतृत्व करने वाले अधिकारी को ही पता था कि किसके यहां छापा मारा जाएगा। एन टाइम पर पीले लिफाफे दिए गए। और मोबाइल पर लोकेशन डाली गई। गूगल मैप के सहारे छापे की जगह पर ED की टीम पहुंची।