कोरबा। प्रदेश में शासन किसी भी पार्टी का हो पहाड़ी कोरवाओं की लंगोटी धोती में नही बदलने वाली। उनके विकास के नाम पर आने वाला फंड कांहा खर्च होता यह अधिकारी और नेता को भी नही मालूम। छत्तीसगढ़ राज्य के अजजा आयोग के सदस्य नितिन पोटाई दो दिन कोरबा प्रवास पर रहे लेकिन पहाड़ी कोरवाओं पंडो और बिरहोर जनजाति के आदिवसियों से मिलने की उन्हें फुर्सत नही मिली। हां ये बात अलग है वे दो दिनों तक जिला प्रशासन के अधिकारियों से भेंट मुलाकात करते रहे।
तिलक भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए नितिन पोटाई ने खुद स्वीकार किया कि पहाड़ी कोरवाओं से मिलने का समय नही था।ब्यस्त कार्यक्रम के दौरान बालको , एसईसीएल गेवरा, दीपका और जिला प्रशसान के अधिकारियों से चर्चा करते रहे , रही सही कसर उनके साथ घुमने वाले अवसरवादी नेताओ ने पूरी कर दी। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के हितों की संरक्षण और उन्हें मिलने वाली लाभ के सम्बंध में जानकारी ली जा रही है। जिससे शासन की योजनाओं का लाभ हर किसी को मिल सके।
सार्वजनिक और निजी उपक्रमों में आदिवासियों की हो रही उपेक्षा
अजजा आयोग के सदस्य नितिन पोटाई ने कहा है एसईसीएल और बालको के अधिकारी आदिवासियों की उपेक्षा की कर रहे है। स्थानीय जनजाति होने के बाद भी एसईसीएलब प्रबन्धन उनके हितो को दरकिनार कर रही है। यही हाल बालको का है । बालको प्रबंधन भी रोजगार और पुनर्वास के लिए गम्भीर नही है।
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