Korba : फिर टूटा नहर का तटबंध, सड़क कटा और गांव में घुुसा पानी, अब बर्बादी की राह पर खेतों की खड़ी फसल

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कोरबा। बारिश में हर साल की परंपरा आगे बढ़ाते हुए एक बार फिर नहर का तटबंध टूट गया। नतीजा यह कि जिस नहर से किसानों के खेतों को संजीवनी मिलती है, उसी का पानी खड़ी फसल के लिए काल बनने का कारण बन रहा। दुर्घटना की रोकथाम के लिए समय रहते प्रयास में असफल रहे जल संसाधन विभाग की लापरवाही की हद यह रही कि तटबंध टूटने के कई घंटे बाद भी फसलों को तबाह करते पानी को रोका नहीं जा सका था।

पिछले कई दिनों से किसान प्यासे खेतों के लिए जहां सूखे बादलों को निहारने विवश थे, दो दिन की बौछारों ने जल संसाधन विभाग के नहर का तटबंध को धराशाई कर दिया। परिणाम स्वरूप नहर का पानी सड़क को काटते हुए खेत और गांव में जा घुसा है। यह घटना कोरबा जिले में कोरबा से सक्ती की ओर बहने वाली नहर पंचायत बुढ़ियापाली के ग्राम पहाड़गांव की है। करतला विकासखण्ड अंतर्गत बुधवार की दोपहर नहर का तट बंध फूट जाने के कारण मुख्य सड़क बीच से दो हिस्सों में बंट गई। नहर का पानी तेज बहाव के साथ खेतों और गांव में घुस रहा है। इस घटना से गांव में अफरा-तफरी मची है। सूचना पर प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं। हसदेव बांगो परियोजना के मुख्य नहर का बंध फूटने से लगभग 5 से 7 किलो मीटर तक नहर का पानी फैल गया व 100 एकड़ से अधिक खेत व फसल डूब गई है। समाचार लिखे जाने तक 35 से 40 किसान इससे प्रभावित हुए हैं। अभी भी पानी का बहाव जारी रहा है लिहाजा और भी नुकसान होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि मेंटेनेंस के अभाव में पार पहले से कमजोर था। लेकिन सिंचाई विभाग के टाइम कीपर और सब इंजीनियर ने इस पर ध्यान नहीं दिया। जिसके चलते अचानक पार फूट गया और खेत जल मग्न हो गए। इससे किसानों को लाखों रूपए का नुकसान हुआ है।