कोरबा। विधानसभा सचिवालय की टीम ने पॉवर प्लांटों का निरीक्षण किया। कमेटी के अध्यक्ष सत्य नारायण शर्मा ने कहा कि बंद पॉवर प्लांट की रिक्त जमीन पर नए प्लांट लगाने सरकार को सुझाव देंगे।
उक्त बातें बुधवार को सीएसईबी गेस्ट हाउस वेस्ट दर्री में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान सार्वजनिक उपक्रम समिति के अध्यक्ष सत्य नारायण शर्मा ने कही। उन्होंने बताया कि समिति के सदस्यों का दो दिवसीय दौरा हैं इस दौरान प्लांटों का निरीक्षण कर रहवासियों के सुविधा में विस्तार करना हैं। श्री शर्मा ने आगे कहा कि 24 अगस्त बुधवार को विधायक दल ने जांजगीर चांपा स्थित अटल बिहारी बाजपेई ताप विद्युत् संयंत्र व कोरबा जिले के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र कोरबा पूर्व, हसदेव ताप विद्युत संयंत्र कोरबा पश्चिम 5 का दौरा किया है। समिति के निर्माण निरीक्षण व निराकरण का उद्देश्य विद्युत संयंत्र के निर्माण की गुंजाइश के साथ-साथ संयंत्र में होने वाली समस्याओं के निराकरण है।
समिति के 9 सदस्यो में सत्यनारायण शर्मा, के साथ 4 सदस्य घनेंद्र साहू,राजमाने बंजाम, लखेस्वर बघेल ही दौरे पर उपस्थित रहे, वहीं भारतीय जनता पार्टी के विधायक नही पहुंच पाए।
जिले में हरियाली
सार्वजनिक उपक्रम समिति के अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा ने कोरबा के हरियाली की तारीफ करते हुए कहा कि जिले को जलवायु,पेड़ पौधों के घनत्व अच्छा है। इस तरह की हरियाली से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।
सस्ती बिजली का विकल्प
खनिज संपदा से परिपूर्ण ऊर्जानगरी कहे जाने वाले कोरबा जिले में कोयले व पानी की पर्याप्त उपलब्धता को देखते हुए, बिजली का निर्माण न्यूनतम दर पर किया जा सकता है। कम दर पर बिजली उत्पादन से प्रदेश के हर नागरिक को कम दर पर बिजली उपलब्ध कराया जा सकता हैं।
जल्द लागू होगा खेल कोटा
दशकों से बंद हो चुके खेल कोटा के तहत होने वाली भर्ती को लेकर भी समिति ने हरी झंडी दिखाई है। जिससे भविष्य में खेल से जुड़े होनहार युवाओं के लिए विद्युत कंपनी में भर्ती होने का विकल्प भी प्राप्त होगा।
अस्पताल, गार्डन, और खेल के मैदान का होगा कायाकल्प
कोरबा में नए विद्युत संयंत्र के श्री गणेश के साथ जिले के अस्पतालों का कायाकल्प किया जायेगा। नए प्लांट बनने से नए रोजगार भी सृजित होगा और शहर के लोगो की स्थिति सुदृढ होगो। सार्वजनिक उपक्रम के अधीनस्थ खेल के मैदान व गार्डन को सर्व सुविधायुक्त बनने की आवश्यकता है।
श्रमिक संगठनों ने बनाई दूरी, क्या है मजबूरी
जिले के सार्वजनिक उपक्रमों का निरीक्षण के लिए विधानसभा सचिवालय की टीम दौरे पर रही।टीम के दौरे से श्रमिक संगठन को दूरी रखा गया। फेडरेशन के नेताओ की कार्यक्रम से दूरी चर्चा का विषय रहा। जानकारों की माने तो श्रमिक संगठनों को समिति के सदस्यों से दूर इसलिए रखा गया ताकि अधिकारियों की पोल न खुल जाए।
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