Korba: EE ने SDM को लिखा पत्र.. अब क्या रसूखदारों की जमीनों पर चलेगा बुलडोजर…

0
364

कोरबा। नहर निर्माण के लिए अर्जित की गई निजी भूमि पर कब्जा कर पक्की दीवार खड़ी कर दी गई है। राताखार के समीप सामने आए मामले को लेकर जल संसाधन विभाग हसदेव बराज के कार्यपालन अभियंता ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा को पत्र लिखा है। पत्र के अनुसार शहर के बीचो-बीच राताखार पुल के समीप सिंचाई विभाग द्वारा हसदेव बांयी तट नहर निर्माण के लिए निजी भूमि अर्जित की गई थी। जिस पर अवैध कब्जा एवं अवैध निर्माण कर लिया गया है। इस पर कार्यवाही करते हुए अवैध कब्जा हटाने का आग्रह किया गया है।

पत्र में दी गई जानकारी के अनुसार सिंचाई विभाग द्वारा राताखार पुल के समीप हसदेव बांयी तट नहर निर्माण के लिए निजी भूमि खसरा नं. 18 बटा 3 रकबा 1.20 एकड़ में 0.47 एकड़ खसरा नंबर 43,44 रकबा 0.33 एकड़ में से 0.20 एकड़ एवं 45 का रकबा 0.27 एकड़ का सम्पूर्ण रकबा 0.20 एकड़ भू-अर्जन किया गया था। हसदेव बांयी तट नहर निर्माण के लिए नहर के मध्य से दोनों तरफ बांयी एवं दांयी तट नहर की 45 मीटर गुना 45 मीटर चौड़ाई जमीन अर्जित किया गया है। बांयी तट नहर के बायीं तटबंध पर राजश्री इन्टरप्राईजेस भागीदार गोल्डी अग्रवाल द्वारा विभाग में उपलब्ध नक्शे अनुसार औसतन 17 मीटर गुना 80 मीटर पर सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध पक्का निर्माण किया जा रहा है। अवैध कब्जा कर पक्का भवन एवं अहाता निर्माण को तत्काल हटाने के लिए विधि सम्मत नोटिस 12 फरवरी 2024 को तामिल की गई है। नोटिस की प्रतिलिपि आपकी और प्रेषित की गई है।

12 फरवरी 2024 को अनुविभागीय अधिकारी, (राजस्व) कोरबा के मौखिक निर्देश के अनुसार राजस्व विभाग, जल संसाधन विभाग एवं राजश्री इन्टरप्राईजेस भागीदार गोल्डी अग्रवाल तथा अन्य व्यक्तियों की उपस्थिति में स्थल जांच किया गया। बांयी तट नहर के आरडी 79.20 मीटर पर तटबंध में पक्का निर्माण किया जा रहा है। आरडी 7920 मीटर के समीप ही भूमि का सीमांकन राजस्व विभाग के द्वारा 14 अगस्त 2020 को तहसीलदार कोरबा के द्वारा किया गया। जिसमें उनके द्वारा सीमेंट से निर्मित नहर से 10 मीटर तक नहर की भूमि बताया गया है, जो गलत है। नहर के मध्य से चौड़ाई पूर्व की दिशा में 45 मा. है। जिस पर अवैध कब्जा किया गया है। जो कि शासकीय अभिलेख अनुसार खसरा नंबर 18 बटा 7, 18 बटा 3 व 43, 44 में ते भूमि जल संसाधन का पाया गया है। विभाग के नक्शे के अनुसार औसतन 20 मीटर गुना 20 मीटर पर पक्का भवन का निर्माण किया जा रहा है, तथा 20 मीटर गुना 60 मीटर में प्री कास्ट सीमेंट कांकीट से अहाता कर अवैध अतिक्रमण किया गया है। इस अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही के लिए राजस्व अमला, नगर पालिक निगम एवं जल संसाधन विभाग के समन्वय से किए जाने का आग्रह किया गया है।