Korba: अचानक जेल पहुंच गए न्यायाधीश, बैरक-रसोई का लिया जायजा, फिर बंदियों से पूछा- यहां कोई तकलीफ तो नहीं है…

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कोरबा। बुधवार को जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सत्येंद्र कुमार साहू अचानक जिला जेल पहुंच गए। औचक दौरा कर वहां की दशा जानने पहुंचे श्री साहू ने बैरक, दवाखाने और रसोई समेत विभिन्न विभागों का अवलोकन तो किया है, बंदियों से मुलाकात कर उनसे चर्चा भी की। उन्होंने बंदियों से बात कर जेल में मिल रही सुविधाएं भी पूछी। इसके बाद उन्होंने बंदियों को यहां मिले वक्त का सदुपयोग कर सुधार की ओर कदम बढ़ाने प्रेरित किया।

उनका यह दौरा उच्चतम न्यायालय के रिट पिटीशन सिविल नंबर 406/2013 इन ह्यूमन कंडिशन इन 1382 प्रिजनर के संबंध में पारित आदेश के परिपालन में हुआ। जेल समीक्षा दिवस पर हुए निरीक्षण के दौरान श्री साहू के साथ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सीमा प्रताप चन्द्रा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा शीतल निकुंज भी मौजूद रहे। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा जेलों में निरूद्ध दंडित एवं विचाराधीन बंदियों में जागरूक किए जाने के उद्देश्य से विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन भी किया गया। जिला न्यायाधीश श्री साहू ने अपने उद्बोधन में कहा कि जाने अनजाने में आप लोग जेल में निरूद्ध हो गये है इसका यह मतलब नहीं है कि आप सभी अपराधी हो। कुछ गंभीर धारा में कुछ छोटे मोटे धारा में जेल आ जाते है। जेल अपराध का पश्चाताप करने का आपका मौंका देता है। हम सभी समाज में रहते है, एक सभ्य समाज के संचालन हेतु कानून व्यवस्था का होना अति आवश्यक है। कानून व्यवस्था नहीं होगी तो जिसकी लाठी उसी के भैंस जैसे हो जायेगी। अर्थात जो अधिक ताकतवर होगा, वही राज करेगा जिससे कमजोर व्यक्ति अधिकार का हनन होगा। इससे समाज में अराजकता फैल जाएगी। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई, दिल्ली, उच्चतम न्यायालय के द्वारा जेल में निरूद्ध अभिरक्षाधीन बंदी एवं दंडित बंदी की संख्या को देखते हुये उन्हें अधिक से अधिक सुविधा उपलब्ध कराये जाने के संबंध में दिशा-निर्देश समय-समय पर जारी होते हैं। जेल में बंद बंदियों को समय का सद्पयोग किये जाने हेतु कहा गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सीमा प्रताप चन्द्रा के द्वारा कहा गया कि प्रकरण लंबे समय में चलने का कारण यह होता है कि कोई भी प्रकरण में अन्वेषण की प्रक्रिया, विचारण की प्रक्रिया होती है जो कि एक जटिल प्रक्रिया होने के कारण निराकरण नहीं पो पाता है। इस अवसर पर विजयानंद सिंह, सहायक जेल अधीक्षक कोरबा निरीक्षण के दौरान उपस्थित थे।