कोरबा। ट्रेड यूनियनों ने किसानों के आंदोलन को समर्थन प्रदान करते हुए शुक्रवार को काला दिवस मनाया। इस दौरान सड़क पर प्रदर्शन कर आवागमन रोक दिया गया और विरोज जताया गया। एटक नेता दीपेश मिश्रा ने कहा कि केंद्र सरकार को यह बताना चाहते हैं कि यह तो सिर्फ एक सांकेतिक विरोध था। अविलंब किसान मुद्दे के समाधान के लिए बातचीत का रास्ता निकाला जाना चाहिए, अन्यथा आगे बड़े आंदोलन का रूख अपनाना होगा।
केंद्रीय ट्रेड यूनियन के मंच ने 21 फरवरी को केंद्रीय स्तर पर बैठक करके किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन को समर्थन प्रदान किया। इसके साथ ही उनके द्वारा उठाई गई मांगों पर केंद्रीय सरकार के अड़ियल रूख पर एतराज भी जताया। इसके साथ 23 फरवरी को केंद्रीय श्रम संगठनों ने देश के सभी शहरों में काला दिवस के रूप में आयोजन करने का आह्वान किया गया। इसी कड़ी में एटक श्रम संगठन ने कोरबा मानिकपुर चौकी के पास मुख्य मार्ग पर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान आवागमन को काफी देर तक रोक कर विरोध दर्ज कराया गया।
इस संबंध मे एटक के प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष दीपेश मिश्रा ने कहा कि आज का यह विरोध प्रदर्शन सिर्फ सांकेतिक था, हम केंद्र सरकार को यह चेतावनी देते हैं कि देश भर के किसान संगठन ने जिन मसलों को केन्द्र सरकार के समक्ष रखा है उनके मांगों पर सरकार बातचीत करे और कोई समाधान निकालने का प्रयास करे। इसी के साथ ही मजदूर संगठनों ने भी जिन मांगों को बार-बार उठाया है उनका भी केंद्रीय सरकार बीच का रास्ता निकाल कर निराकरण करें। उन्होंने अंत मे कहा कि किसान संगठन और मजदूर संगठन के केंद्रीय नेतृत्व से फौरन बात कर कोई हल निकालने का कोशिश की जानी चाहिए।