कोरापुट। Migrant Labor : बेंगलुरु में अपने मालिक के टॉर्चर से परेशान होकर तीन प्रवासी मजदूर बिना पैसे और भोजन के 1000 किलोमीटर पैदल चलकर रविवार को अपने घर ओडिशा पहुंच गए। तीनों मजदूर कतार मांझी, बुडू मांझी और भिकारी मांझी, सभी कालाहांडी के जयपटना के तिंगलकन गांव से घर लौट रहे थे, जब कोरापुट के पोट्टांगी ब्लॉक के पाडलगुडा में स्थानीय लोगों ने उन्हें देखा।
बिचौलिए की मदद से गए थे बेंगलुरु
तीनों मजदूर ओडिशा से बेंगलुरु नौकरी (Migrant Labor) करने के लिए गए थे। ये 12 लोगों के उस ग्रुप का हिस्सा थे, जो दो महीने पहले बालूगांव के एक बिचौलिए की मदद से बेंगलुरु गए थे। इसके बाद उन्हें एक कंपनी में काम मिल गया लेकिन उनके मालिक ने उन्हें उनकी मजदूरी का भुगतान करने से मना कर दिया। जब मजदूरों ने अपना बकाया मांगा तो उन्हें प्रताड़ित किया और पीटा गया।
26 मार्च से शुरू की थी पैदल यात्रा
इसके बाद तीनों जब ओडिशा के कोरापुट से गुजरते हुए अपने घर लौट रह थे तभी कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें देखा और उनसे पूछताछ की। इस दौरान उन्होंने बताया कि यह पैदल यात्रा उन्होंने 26 मार्च से शुरू की थी। उनका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वह हाथ में सामान और पानी की बोतल लिए पैदल चलकर आ रहे हैं।
मालिक की प्रताड़ना सहन नहीं कर पाए तो वापस लौटे
तीनों मजदूरों ने बताया कि हम अपने परिवार पालने के लिए पैसा कमाने की उम्मीद से बेंगलुरु गए थे लेकिन वहां कंपनी के कर्मचारियों ने हमें हमारी सैलरी देने से मना कर दिया। हम उनकी प्रताड़ना सहन नहीं कर पा रहे थे इसलिए हम वहां से चले आए। हालांकि, उनकी दुर्दशा को देखकर रास्ते में एक दुकानदार ने उन्हें खाना खिलाया। वहीं ओडिशा मोटरिस्ट्स एसोसिएशन की पोट्टांगी इकाई के अध्यक्ष (Migrant Labor) ने उन्हें 1500 रुपये दिए और उनके घर जाने का भी प्रबंध किया
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