अमेरिका को छोड़कर रूस को क्‍यों तवज्जो दे रहा भारत? निक्‍की हेली ने बताई वजह

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वेब डेस्क। निक्‍की हेली को लगता है कि भारतीयों को अमेरिकी नेतृत्‍व पर भरोसा नहीं है. रिपब्लिकन नेता ने कहा कि भारत अब अमेरिका को ‘कमजोर’ समझता है. अमेरिकी राष्‍ट्रपति बनने की दौड़ में शामिल हेली ने भारत की रणनीतिक समझ को सराहा. फॉक्‍स बिजनेस न्यूज से बात करते हुए हेली ने कहा, ‘मैंने भारत के साथ भी काम किया है. मैंने (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी से बात की है. भारत हमारा भागीदार बनना चाहता है. वे रूस के साथ भागीदारी नहीं चाहते.” उन्होंने आगे कहा, ‘समस्या यह है कि भारत को हमारी जीत पर भरोसा नहीं है. उन्हें नेतृत्व करने के लिए हम पर भरोसा नहीं है. वे अभी हमें कमजोर पाते हैं.’

ग्लोबल सिचुएशन में ‘स्मार्ट तरीके से’ खेलने के लिए हेली ने भारत की तारीफ की. उन्‍होंने कहा कि भारत ने बड़े स्मार्ट तरीके से अपने सहयोगी चुने. साउथ कैरोलिना की पूर्व गवर्नर ने कहा कि रूस से भारत की नजदीकियां रक्षा सहयोग की वजह से हैं. निक्की हेली ने एक सवाल के जवाब में कहा, “भारत ने हमेशा इसे स्‍मार्टली खेला है, और वे रूस के करीब रहे हैं क्योंकि वहीं से उन्हें बहुत सारे सैन्य उपकरण मिलते हैं.”

‘चीन से निपटने के लिए दोस्त चाहिए होंगे’

हेली का मानना है कि अमेरिका को साझेदारियां करने की जरूरत है क्योंकि उसके कई ‘दोस्त’ चीनी चुनौती से निपटने के लिए खुद ही निकल पड़े हैं. उन्‍होंने कहा कि एक बार अमेरिका फिर से नेतृत्‍व करना शुरू करेगा तो सब दोस्त लौट आएंगे. हेली ने कहा, “जब हम फिर से नेतृत्व करना शुरू कर देंगे, जब हम कमजोरी को दूर करना शुरू करेंगे और रेत में सिर छिपाना बंद कर देंगे, तब हमारे दोस्त- भारत, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इजरायल, जापान, दक्षिण कोरिया – हमसे हाथ मिला लेंगे.”

हेली ने चीन पर निर्भरता कम करने के लिए अरबों डॉलर इनवेस्‍ट करने वाले जापान और चीन का उदाहरण दिया. हेली ने कहा कि चीन की माली हालत खराब है और वह अमेरिका से युद्ध की तैयारी कर रहा है.

रिपब्लिकन कैंडिडेट बनने की रेस में हेली

UN में अमेरिकी राजदूत रहीं हेली राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्‍मीदवार बनने के बेहद करीब हैं. उनका मुकाबला पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप से है. अभी तक उन्‍हें आईओवा और न्यू हैम्‍पशर प्राइमरी में हार मिली है. बुधवार को हेली को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा. नवादा में रिपब्लिकन प्रेसिडेंशियल प्राइमरी मुकाबले में ट्रंप बैलट से नदारद थे. इसके बावजूद निक्‍की ‘इनमें से कोई उम्मीदवार नहीं’ के विकल्प से हार गईं.