कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री सौरभ कुमार ने कहा है कि निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित निर्वाचन कार्यक्रम के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू की गई है। सभी राजनीतिक दलों एवं अभ्यर्थियों को निर्वाचन आयोग की आदर्श आचरण संहिता के प्रति प्रतिबद्धता आवश्यक है तथा आदर्श आचरण संहिता के तहत दिए गए दिशा निर्देशों एवं मार्गदर्शन के अनुरूप ही चुनाव संबंधी सभी कार्यवाही संपादित की जानी चाहिए।
विधानसभा निर्वाचन 2023 के संदर्भ में आज कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सौरभ कुमार द्वारा विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में ली गई। बैठक के दौरान आदर्श आचरण संहिता के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रतिनिधियों को उपलब्ध कराई तथा संहिता का आवश्यक रूप से पालन करने की अपेक्षा राजनीतिक दलों से की। बैठक के दौरान कलेक्टर सौरभ कुमार ने कहा कि प्रत्येक राजनीतिक दल एवं अभ्यर्थी को जातीय, धार्मिक विषयों से बचकर अपना प्रचार-प्रसार करना चाहिए तथा किसी भी व्यक्ति के घर के सामने धरना प्रदर्शन नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्वाचन के दौरान सक्षम स्वीकृति प्राप्त कर ही जुलूस, रैली एवं सभा का आयोजन किया जाय तथा पुलिस को भी इसकी सूचना दी जाय। उन्होंने बताया कि निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के अनुसार सभा आदि के आयोजन में की जाने वाली टेंट, कुर्सी, माईक, पण्डाल तथा अन्य सामग्रियों की संख्या आदि की जानकारी अनिवार्य रूप से निर्वाचन कार्यालय को दी जानी चाहिए। जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि जुलूस आदि के दौरान यदि किसी व्यक्ति द्वारा बाधा पहुंचायी जाती है तो राजनीतिक दल स्वंय उस पर कार्यवाही न करें तथा कानून अपने हाथ में न लें, इसकी सूचना पुलिस को दें साथ ही जुलूस के दौरान उपस्थित पुलिस बल इस पर कार्यवाही करेगा। उन्होंने बताया कि पुतला दहन आदि पूर्णरूप से प्रतिबंधित रहेगा। इसके साथ ही आदर्श आचरण संहिता लागू हो चुकी है अतः कोई भी भूमिपूजन, लोकार्पण तथा घोषणाएं प्रतिबंधित रहेगी।
कलेक्टर ने कहा कि आदर्श आचार संहिता के दौरान राशनकार्ड/मनरेगा/बेरोजगारी भत्ता में नया नाम नहीं जुड़ेगा। राजनीतिक दलों द्वारा प्लास्टिक के ध्वजों के उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ ही राजनीतिक दलों को पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए सी-विजिल मोबाइल एप्लीकेशन की विस्तृत जानकारी दी गई। सी-विजिल का अर्थ सिटीजन विजिलेंस यानी नागरिकों की सतर्कता है। सी-विजिल के माध्यम से आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों की कुशलतापूर्वक त्वरित रिपोर्ट प्रस्तुत किया जा सकता है। बैठक में सुविधा ऐप के बारे में भी जानकारी दी गई।
बैठक के दौरान कलेक्टर ने व्यय लेखा के संबंध में निर्वाचन आयोग के सामान्य अनुदेशों के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रतिनिधियों को दी तथा बताया कि विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हेतु निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा 40 लाख रूपये निर्धारित की गई है। कलेक्टर ने बैठक के दौरान अभ्यर्थी द्वारा किए गए दैनिक निर्वाचन व्यय के रखरखाव एवं अनुवीक्षण के लिए प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में व्यय तंत्र के गठन तथा उसके विभिन्न स्तरों की जानकारी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को दी जिसमें व्यय प्रेक्षक, सहायक व्यय प्रेक्षक, लेखा टीम, शिकायत अनुवीक्षण, नियंत्रण कक्ष एवं काल सेन्टर, वीडियो निगरानी समिति, वीडियो अवलोकन समिति, स्थैतिक निगरानी दल, जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति, फ्लाईंग स्कवैड समिति तथा व्यय निगरानी समिति आदि तंत्र शामिल है।
कलेक्टर ने बताया कि निर्वाचन व्यय के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी द्वारा पृथक बैंक खाता खोला जाना आवश्यक है जिसके खाता संख्या की लिखित जानकारी नाम निर्देशन दाखिल करते समय अभ्यर्थी द्वारा दी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने निर्वाचन व्यय तथा बैंक खाते के संचालन, भुगतान के स्वरूप, नकद संव्यवहार, चेक से भुगतान, व्यय की जानकारी प्रस्तुत करने के साथ अन्य संबंधित तथ्यों की विस्तार से जानकारी प्रतिनिधियों को दी।