लखनऊ: जिधर देखिए बरेली में तैनात एसडीएम ज्योति मौर्य की ही चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया तो मीम्स से अटा पड़ा है। यूजर्स तरह तरह की बातें कर रहे हैं। कोई कह रहा कि एसडीएम बनने के बाद ज्योति मौर्य ने अपने पति को छोड़ दिया। ज्योति के पति आलोक मौर्य पंचायती राज विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। उनका आरोप है कि ज्योति उनके साथ बेवफाई कर रही हैं। उनका गाजियाबाद में तैनात होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे से प्रेम प्रसंग है। मनीष दुबे और ज्योति मिलकर उन्हें मारने की साजिश रच रहे हैं। 2015 बैच की पीसीएस अफसर ज्योति मौर्य ने अपने पति के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया है। उन्होंने आलोक और अपने ससुरालवालों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इस बीच लोग एक एसडीएम अधिकारी के रुतबे की बातें भी कर रहे हैं। आइए आपको बताते हैं कि एसडीएम बनने के लिए क्या करना पड़ता है और उसे कितनी पावर मिलती है। साथ ही वे कितनी सैलरी पाते हैं।
ये काम करते हैं
जिलों में तैनात एसडीएम जिलाधिकारी को रिपोर्ट करते हैं। ये अपने डिविजन के काम पर नजर रखते हैं। साथ ही लॉ एंड आर्डर बरकरार रखने की जिम्मेदारी भी इनके ऊपर होती है। इनके डिविजन में जितने तहसीलदार होते हैं, सब एसडीएम के अधीन काम करते हैं। एसडीएम तहसीलदार और डीएम के बीच कड़ी का काम करते हैं। एसडीएम के पास कई जिम्मेदारियां होती हैं जैसे राजस्व कार्य, विवाह पंजीकरण, ड्राइविंग लाइसेंस का नवीनीकरण, डोमिसाइल जैसे प्रमाणपत्र जारी करना आदि।
इतनी मिलती है सैलरी
लोगों के अंदर यह जानने की बड़ी इच्छा रहती है कि एक एसडीएम को कितनी सैलरी मिलती है। एसडीएम अफसर को पे बैंड 9300-34800 में ग्रेड पे 5400 के साथ सैलरी मिलती है। उनकी सैलरी 56,100 रुपये से शुरू होती है। साथ ही कई भत्ते और अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं। इसके अलावा आवास, सुरक्षा गार्ड और नौकर आदि की व्यवस्था भी रहती है। टेलीफोन और बिजली का बिल सरकार की तरफ से भरा जाता है। राज्यभर में यात्राओं के दौरान उच्च श्रेणी आवास सुविधा, हायर स्टडी के लिए अवकाश और पेंशन की सुविधा भी मिलती है।